मोदी सरकार के किसानों के लिए तीन बड़े ऐलान, पढ़िए क्या है यह बड़े ऐलान

प्रधानमंत्री आवास पर हुई एक सप्ताह में दूसरी कैबिनेट बैठक में किसानों से संबंधित कई फैसले लिए गए। इसमें किसानों को अधिक लाभ हो सके, इसलिए उन्हें एपीएमसी एक्ट से बाहर भी उत्पाद बेचने की अनुमति दी गई है और कई कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु कानून से बाहर कर दिया गया। अब किसान अपनी उपज मंडी से बाहर सीधे निर्यातक को भी बेच सकेंगे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि आवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को इससे बाहर कर दिया गया है। अब किसान मर्जी के मुताबिक निर्यात और भंडारण कर सकेंगे।

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पीएम की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि से संबंधित तीन और अन्य फैसले लिए गए। कृषि को लेकर ऐतिहासिक फैसले हुए हैं। किसानों की 50 साल पुरानी मांगे पुरी हुई है। अतिआवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। यह कानून तब बना था जब देश में किल्लत होती थी। आज कृषि उत्पादन की कोई किल्लत नहीं है। इसलिए ऐसे समय में ऐसे बंधन डालने वाले कानून की जरूरत नहीं थी। पहले शक्कर राशन की दुकानों में सस्ती मिले इसके लिए शक्कर पर लेवी होती थी। अभी भी ऐसे प्रावधान हैं कि कीमतें बढ़ती हैं तो किसानों पर बंधन होती है। आवश्यक वस्तु अधिनियम की लटकती तलवार ने निवेश, निर्यात को रोका। आज इसे खत्म किया गया है। इसका परिणाम होगा कि किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी।

जावड़ेकर ने कहा, ”आवश्यक वस्तु कानून में किसान हितैषी सुधार किए गए हैं। आज कृषि उत्पादों की बहुतायत है इसलिए ऐसे बंधनों वाले कानून की जरूरत नहीं थी। एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से किसान आजाद हुआ है। कहीं भी उत्पाद बेचने और ज्यादा दाम देने वाले को बेचने की आजादी मिली है किसान को। वन नेशन वन मार्केट की दिशा में हम आगे बढ़े हैं।’ कोई निर्यातक प्रोसेसर है, तो उसको कृषि उपज दोनों आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा मिली है, जिससे सप्लाई चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा किया गया है।’ 

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