मेरे प्रिय 140 करोड़ परिवारजन…’, देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला वाक्य था। इससे पहले वे मेरे प्यारे देशवासियों के साथ अपनी स्पीच शुरू करते थे। 90 मिनट यानी डेढ घंटे के भाषण में मोदी ने इस बार मेरे परिवारजन शब्द का 26 बार जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने लाल किले पर 10वीं बार झंडा फहराने के बाद अपने संबोधन में देशवासियों को बधाई दी। PM ने मणिपुर हिंसा, रिफॉर्म्स पर बात की। साथ ही अपनी सरकार के काम का 10 साल का हिसाब दिया। राजनीति से परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण जैसी तीन बुराइयों से मुक्ति की अपील भी की।
प्रधानमंत्री ने लोगों से आशीर्वाद मांगते हुए कहा, ‘2047 में देश जब स्वतंत्रता के 100 साल का जश्न मनाए तो हमारे देश का तिरंगा दुनिया में विकसित देश की पहचान के साथ लहराए। इसके लिए आने वाले 5 साल को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया और दावा किया कि लालकिले पर 2024 में वे ही तिरंगा फहराएंगे।’
मोदी ने देशवासियों को 3 गारंटी भी दी। पहली- 5 साल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगा। दूसरी- शहरों में किराए के मकानों में रहने वालों को बैंक लोन में रियायत मिलेगी। तीसरी- देशभर में 25 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। 17 सितंबर को विश्वकर्मा योजना शुरू करने का ऐलान किया।
इसके अलावा PM ने मणिपुर का दो बार जिक्र किया। उन्होंने भाषण के शुरुआत में कहा- मणिपुर में मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लोगों की जान गई। कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है। शांति के प्रयास किए जा रहे हैं।
मोदी इस बार ऑफ-व्हाइट कुर्ता और काले रंग की जैकेट में नजर आए। उन्होंने जोधपुरी बांधनी प्रिंट साफा पहना। जिसमें पीला, हरा और लाल रंग था।
मोदी के भाषण की 13 बड़ी बातें…
140 करोड़ देशवासियों को बधाई दी: इतना बड़ा देश, 140 करोड़ मेरे भाई-बहन, मेरे परिवारजन आज आजादी का पर्व मना रहे हैं। मैं देश के कोटि-कोटि जनों को, देश और दुनिया में भारत को प्यार करने वाले, भारत का सम्मान करने वाले कोटि-कोटि जनों को इस महान पर्व की अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं। देश की आजादी की जंग में जिस-जिस ने बलिदान दिया है, त्याग किया है, तपस्या की है, मैं उन्हें आदरपूर्वक नमन, उनका अभिनंदन करता हूं।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि दी: आज 15 अगस्त महान क्रांतिकारी श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती पूर्ण हो रही है। ये वर्ष स्वामी दयानंद सरस्वती के 150वीं जयंती का वर्ष है। इस बार जब हम 26 जनवरी मनाएंगे वो हमारे गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ होगी। मैं भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान देने वाले सभी बहादुरों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों को याद किया: इस बार प्राकृतिक आपदा ने देश के अनेक हिस्सों में अकल्पनीय संकट पैदा किए। जिन परिवारों ने इस संकट को सहन किया है मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करता हूं। राज्य-केंद्र सरकार मिलकर उन सभी संकटों से मुक्त होकर तेजी से विकास की ओर आगे बढ़ेंगी, ये विश्वास दिलाता हूं।
देश मणिपुर के लोगों के साथ है: पूर्वोत्तर में विशेषकर मणिपुर में, जो हिंसा का दौर चला, कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा, मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ। लेकिन कुछ दिनों से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के लोगों के साथ है, मणिपुर के लोगों ने कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उसको आगे बढ़ाए। शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर उन समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही है और करती रहेगी।