पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के बढ़ते मामले: क्या यह एक नई स्वास्थ्य आपदा का संकेत है?

महाराष्ट्र के पुणे में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। यह एक दुर्लभ और घातक बीमारी है जिसके कारण अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट की भी मौत हो गई थी। पुणे में इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है, जिसमें 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।

वही, स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कारण महाराष्ट्र में मौत का यह संभवतः पहला मामला है। मृतक व्यक्ति सोलापुर जिले का निवासी था। इस बीमारी के लक्षणों में हाथ और पैरों में सुन्नपन, मांसपेशियों में कमजोरी, चलने-फिरने में कठिनाई, संतुलन बनाने में मुश्किल होना, अनियमित हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव और सांस लेने में मुश्किल होना शामिल हैं।

डॉक्टरों के मुताबिक, गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कारण आम तौर पर जीवाणु और वायरल संक्रमण हैं। ये मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं। पुणे नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने जानकारी दी है कि शहर में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के मामलों की संख्या बढ़ रही है।और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से सावधानी बरतने और यदि किसी को भी इस बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की अपील की है।

रिपोर्ट:- कनक चौहान

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