उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को अपने विवादित बयान के कारण इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने पहाड़ी लोगों के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद राज्य में भारी विरोध हुआ। विपक्षी दल कांग्रेस और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने उनके बयान को उत्तराखंड के लोगों का अपमान बताया और उनके इस्तीफे की मांग की।
भाजपा नेतृत्व ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और प्रेमचंद अग्रवाल को प्रदेश पार्टी कार्यालय तलब किया गया। पार्टी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें संयमित भाषा का इस्तेमाल करने की नसीहत दी और कहा कि ऐसे बयानों से राज्य का माहौल खराब नहीं होना चाहिए
प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बचाव में कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया, लेकिन बढ़ते राजनीतिक दबाव के कारण उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। कांग्रेस ने उनके इस्तीफे को “जनता की जीत” बताया और इसे अहंकार की हार करार दिया।
यह घटना उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़े विवाद के रूप में उभरी और इसके चलते भाजपा को भी स्थिति संभालने के लिए कदम उठाने पड़े अब देखना यह की भविष्य में यह मुद्दा यहीं खत्म हो जाता है या बीजेपी को और ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी