कौन हैं जयपुर मेयर कुसुम यादव ? जिन्हे BJP ने सौंपी हेरिटेज की कुर्सी… पढ़ें पूरी कहानी..

  • जयपुर हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव को बनाया गया है।
  • यह फैसला महापौर मुनेश गुर्जर पर रिश्वत का मामला सामने आने और उन्हें निलंबित किए जाने के एक दिन बाद सामने आया है। 
  • स्थानीय स्वशासन विभाग के आदेश के मुताबिक कुसुम यादव का कार्यकाल दो महीने का होगा।
  • कार्यवाहक महापौर बनने के बाद कुसुम यादव ने पत्रकारों से कहा, “भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करना और हेरिटेज नगर निगम को साफ-सुथरा बनाना मेरी प्राथमिकता होगी।”

जयपुर से अबरार त्यागी की रिपोर्ट

जयपुर: जयपुर नगर निगम हेरिटेज की महापौर रही मुनेश गुर्जर के निलंबन के बाद राज्य सरकार ने कार्यवाहक की नियुक्ति कर दी है। नगर निगम की निर्दलीय पार्षद कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर बनाया गया है। इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौत्तम की ओर से आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 50(1) (4)(क) में प्रदत्त शक्तियों के तहत वार्ड संख्या 74 की पार्षद कुसुम यादव को 60 दिन के लिए या राज्य सरकार की ओर से अन्य आदेश जारी होने तक कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया जाता है।

पहले मेयर प्रत्याशी रह चुकी हैं कुसुम यादव

इस आदेश के साथ ही जयपुर शहर को नई मेयर मिल गई।बता दें कि कुसुम यादव दूसरी बार पार्षद बनी है। इससे पहले वह बीजेपी से पार्षद बनी थी। कुसुम यादव का कार्यकाल 2 महीने के लिए होगा। क्योंकि जयपुर हेरिटेज नगर निगम कार्यवाहक मेयर के रूप में 2 महीने ही किसी का चुनाव किया जा सकता है। कुसुम यादव पहले भी मेयर के लिए प्रत्याशी रह चुकी हैं।

पिछले साल 4 अगस्त को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मुनेश गुर्जर के घर पर छापा मारा था, जहां उनके पति सुशील गुर्जर और दो दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को 2 लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। छापे में गुर्जर के घर से लीज से जुड़ी फाइलें और 41 लाख रुपये नकद और दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपये बरामद हुए थे। जांच में मेयर गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि हुई थी। छापेमारी के एक दिन बाद तत्कालीन कांग्रेस पार्षद मुनेश गुर्जर को पूर्व कांग्रेस सरकार ने मेयर पद से निलंबित कर दिया था। हालांकि, उन्होंने निलंबन आदेश को दो बार चुनौती दी और उन्हें हाईकोर्ट से राहत मिली।

BJP से बागी होकर चुनाव लड़ा, भाजपा ने ही मेयर बनाया

वार्ड 74 की पार्षद कुसुम यादव लगातार दूसरी बार पार्षद हैं। पहली बार वे भाजपा के टिकट पर पार्षद बनी थी। इस बार के नगर निगम चुनाव में भाजपा ने कुसुम को टिकट नहीं दिया तो वे पार्टी से बगावत करके निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में कूद गई। निर्दलीय चुनाव लड़कर कुसुम यादव ने जीत दर्ज कर ली। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने कांग्रेस के बोर्ड को समर्थन नहीं दिया। वे भाजपा से ही जुड़ी रही। जब महापौर के चुनाव की बारी आई तो पार्टी ने उन्हें महापौर प्रत्याशी बनाया था लेकिन 9 निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस का समर्थन किया तो मुनेश गुर्जर महापौर बन गई थी। अब कांग्रेस की महापौर रही मुनेश गुर्जर सस्पेंड हुई तो भाजपा ने कुसुम यादव को ही कार्यवाहक महापौर बना दिया।

कुसुम के पति हैं भाजपा के नेता

कुसुम यादव के पति हैं अजय यादव। वे खुद भाजपा के टिकट पर पार्षद रहे हैं। वे पिछले कई सालों से भाजपा में सक्रिय हैं। पार्टी के शहर संगठन में वे हमेशा आगे बढ़कर सक्रिय रहे हैं। शहर भाजपा में अजय यादव एक जाना माना नाम है। परकोटा क्षेत्र में वे अच्छे प्रभाव वाले भाजपा नेता माने जाते हैं। भले ही पार्टी ने निगम चुनाव में उनकी पत्नी को टिकट नहीं दिया लेकिन चुनाव जीतने के तुरंत बाद पार्टी ने कुसुम यादव को महापौर पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया था।

Share
Now