चीनी ऐप्स पर लगा बैन क्या अस्थायी बैन है?

चीन के मोबाइल ऐप्स पर पाबंदी की ख़बरें आज सभी अख़बारों में प्रमुखता से छाई हैं.

इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पहले पन्ने पर एक रिपोर्ट में लिखा है कि केंद्र का चीन से जुड़े 59 मोबाइल ऐप्स को बैन करने का फ़ैसला “अंतरिम किस्म” का फ़ैसला है और इन ऐप्स को बनाने वाली कंपनियों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर सफ़ाई देने के लिए 48 घंटे का वक़्त दिया गया है.

अख़बार ने सरकार और कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित की है. उसने लिखा है कि कंपनियों से मुख्यतः चीन के एक क़ानून के बारे में स्पष्टीकरण माँगा जाएगा जिसके तहत चीन स्थित कंपनियों के लिए अपने डेटा चीन की ख़ुफ़िया सेवाओं को देना अनिवार्य है.

साथ ही भारत सरकार उन कंपनियों से देश में ही एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करने के लिए कह सकती है जिनका भारत में कोई दफ़्तर नहीं है.

अख़बार ने टिक टॉक ऐप के भारत प्रमुख निखिल गांधी का एक कथन छापा है जिसमें वो कहते हैं कि “सरकार ने 59 ऐप्स को ब्लॉक करने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया है और हम इसका पालन करने की प्रक्रिया में हैं.”

Share
Now