“आत्म सम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकता” कहते हुए भरी अदालत में हाई कोर्ट के जज ने दिया इस्तीफा….

बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति रोहित देव ने शुक्रवार को घोषणा की कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति देव ने कई वकीलों की मौजूदगी में अदालत में यह एलान किया, जिसके बाद आज दिनभर के लिए उनके मामले खारिज कर दिए गए।
एक वकील के मुताबिक न्यायमूर्ति देव ने इस्तीफा देने के अपने फैसले के पीछे का कारण हालांकि नहीं बताया लेकिन उन्होंने अदालत में यह कहा कि वह ‘अपने आत्मसम्मान के खिलाफ काम नहीं कर सकते।’
हाईकोर्ट के ही एक अन्य वरिष्ठ वकील ने कहा है कि उनके इस्तीफे का असल कारण अबतक पता नहीं चला है। लेकिन उन्होंने जो अदालत में बात कही है, ऐसा अमुमन हर न्यायमूर्ति अपने तबादले या सेवानिवृत्ति के मौके पर कहते है, इसलिए उनकी कही बात में कुछ छुपा है, ऐसा नहीं कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति देव ने दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को कथित माओवादी संबंध मामले में 2022 में बरी कर दिया था और उन पर सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि गैरकानूनी गतिविधि
सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश पर रोक लगा दी थी और उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का आदेश दिया था। न्यायमूर्ति देव ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सरकार के 3 जनवरी के प्रस्ताव (जीआर) के क्रियान्वयन पर भी रोक लगा दी थी, जिसके तहत राज्य को नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के निर्माण या निष्पादन कार्य में लगे ठेकेदारों द्वारा लघु खनिजों के अवैध उत्खनन से संबंधित राजस्व विभाग द्वारा शुरू की गई दंडात्मक कार्यवाही को रद्द करने का अधिकार दिया गया था।
शुक्रवार को उन्होंने अदालत में मौजूद वकीलों से कहा कि वह चाहते हैं कि वे कड़ी मेहनत जारी रखें। न्यायमूर्ति देव ने कई मौकों पर अपने साथियों के साथ सख्ती बरतने के लिए इस समय माफी भी मांगी। न्यायमूर्ति देव को जून 2017 में बंबई उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और वह दिसंबर 2025 में सेवानिवृत्त होने वाले थे। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले न्यायमूर्ति देव ने 2016 में महाराष्ट्र सरकार के लिए महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया है।