- पंजाब के भटिंडा जिले से 300 किलोमीटर पैदल चलकर पति-पत्नी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं।
- भटिंडा जिले के फतेहाबाद से टिकरी बार्डर आए लवप्रीत सिंह ने बताया कि वे 10 जनवरी को अपने गांव से निकले थे।
- इस बीच में उन्होंने गांव-गांव में लोगों को किसान आंदोलन के बारे में बताया। शुक्रवार को वे टिकरी बार्डर पहुंचे।
नई दिल्ली:दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित टिकरी बॉर्डर पर 26 नवंबर से ही हजारों किसान डटे हुए हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर मार्च के आयोजन के लिए किसानों के जत्थे अपने ट्रैक्टर लेकर टिकरी बॉर्डर पर पहुंचने लगे हैं। इसी बीच एक दंपति 300 किलोमीटर पैदल चलकर किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए टिकरी बॉर्डर पहुंचे हैं।
पंजाब के भटिंडा जिले से 300 किलोमीटर पैदल चलकर पति-पत्नी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। भटिंडा जिले के फतेहाबाद से टिकरी बार्डर आए लवप्रीत सिंह ने बताया कि वे 10 जनवरी को अपने गांव से निकले थे। इस बीच में उन्होंने गांव-गांव में लोगों को किसान आंदोलन के बारे में बताया। शुक्रवार को वे टिकरी बार्डर पहुंचे।
आपको बता दें कि कड़ाके की सर्दी और गिरते पारे के साथ-साथ कोरोना के खतरों के बीच 26 नवंबर से बड़ी तादाद में किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हैं। लेकिन किसान और सरकार के बीच अबतक इस मसले पर अबतक कोई सहमति नहीं बन पाई है। बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी किसान सिंधु, टिकरी, पलवल, गाजीपुर सहित कई बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन की वजह से दिल्ली की कई सीमाएं सील हैं।