उत्तरप्रदेश के इटावा से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद राम शंकर कठेरिया को आगरा की एमपी एमएलए कोर्ट ने मारपीट के एक मामले में 2 साल जेल की सजा सुनाई है। और 50000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
इस फैसले के बाद उनकी संसद सदस्यता पर भी तलवार लटक रही है. दअरसल किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे ज्यादा सजा पाने वाले जन प्रतिनिधि को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तत्काल अयोग्य घोषित करने का प्रावधान है।
बता दें आईपीसी की धारा 147 दंगा और धारा 323 जानबूझकर चोट पहुंचाना के तहत दोषी ठहराया गया है।
यह मामला 16 नवंबर, 2011 का है, जब कठेरिया – जो उस समय आगरा के सांसद थे। फैसले में इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया को दोषी करार दिया गया।फैसले के.बाद सांसद रामशंकर कठेरिया ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने 12 साल पहले हुई घटना की जानकारी दी. सांसद ने बताया कि एक महिला उनके पास रोते हुए आई थी।
कौन हैं कठेरिया–
58 वर्षीय कठेरिया, जो आगरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर भी हैं, कम उम्र मे.. ही आरएसएस से जुड़ गए थे। वह आगरा लोकसभा सीट से दो बार सांसद चुने गए 2019 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें इटावा से मैदान में उतारा और वहां से तीसरी बार यहां उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को करीब 65 हजार मतों से शिकस्त दी थी।
2014 में जुलाई 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया. वह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति- जनजाति आयोग के अध्यक्ष भी रहे है…
कठेरिया मामले दर्ज–
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दायर हलफनामे के अनुसार, कठेरिया के खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित थे, जिनमें से अधिकांश 2010 और 2013 के बीच दर्ज किए गए थे।
नौ मामलों में सामान्य आरोप “दंगा” था. अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनावों से पहले, कठेरिया पर इटावा जिले के पथरा में एक पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
हालांकि कठेरिया ने आरोप लगाया था कि टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने ही उनके सुरक्षा गार्डों पर हमला किया था, जिससे उन्हें जिससे उन्हें आत्मरक्षा में गोली चलाने के लिए मजबूर होना पड़ा।