अजमेर–
ख्वाजा साहब की दरगाह में मंदिर होने के दावे पर सैयद नसीरूदीन चिश्ती -उत्तराधिकारी आध्यत्मिक प्रमुख दरगाह ख़्वाजा साहब ने कहा कि दरगाह ख्वाजा साहब के बारे में सिविल वाद प्रस्तुत किया गया है में उसकी निंदा करता हूं यह वाद झूटे तथ्यों पर और मनगढ़ंत इतिहास पर आधारित है इसकी हम पुरजोर तरीके से मजम्मत करते है।
कुछ बोलने से पहले इतिहास पढ़ना चाहिए, नसीरूदीन चिश्ती
इतिहास में अगर देखा जाए तो दरगाह ख्वाजा साहब के बाबत कभी किसी भी समय में कोई आपत्ति नहीं की गई है इस दरगाह में मुगलों से लेकर के खिलजी तुगलक हिंदू राजा राजपूत राजा रजवाड़े यहां तक के मराठा तक ने भी बड़ी सम्मान की नजर से इस दरगाह को देखा है और अपनी आस्था जाहिर की है।
तमाम धर्म के लोगों की आस्था है अजमेर दरगाह
हां तक की सनातन धर्म के कई महान शख्सियतो ने भी इस दरगाह ख्वाजा साहब के बाबत बड़े सम्मानपूर्वक विचार अपने रखे हैं सिर्फ एक किताब की बुनियाद पर जो 1911 में आई पूरे इतिहास को खत्म नहीं किया जा सकता अजमेर दरगाह पूरी दुनिया के मुसलमान के साथ-साथ हर धर्म के लोगों की आस्था का एक केंद्र है यहां से हमेशा मोहब्बत अमन का पैगाम जाता है यह हिंदुस्तान की गंगा जमुना तहजीब का सबसे बड़ा मरकज है इस दरगाह में मंदिर होने की टिप्पणी करना और दावे करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है,
हिंदू सेना द्वारा किया गया वाद यह बताता है कि देश में धार्मिक कट्टरता किस चरम पर पहुंच चुकी है ऐसी विषैली सोच रखने वालों और संस्थानों को बंद कर देना चाहिए भारत सरकार को स्पेशली गाइडलाइन जारी करनी चाहिए क्योंकि ऐसी हरकते ना काबिले बर्दाश्त है..
बुद्धिजीवियों व जिम्मेदार लोगों को आगे आना चाहिए
इस अहम मसले में बोलना चाहिए क्योंकि यह मसला हिंदुस्तान के मुसलमान की आस्था का केंद्र अजमेर दरगाह से जुड़ा हुआ है और साथ के साथ देश के प्रधानमंत्री जो हर साल या चादर भेजते हैं तमाम राजनीति पार्टी जो यहाँ चादर भेजते हैं उनको इस पर गाइडलाइन जारी करनी चाहिए कि यह कब तक चलेगा कि जब मर्जी चाहे कोई व्यक्ति विशेष खड़ा हो जाता है और दूसरे धर्मों के धार्मिक स्थलों पर मंदिर होने का दावा कर देता है ।
सैयद नसीरूदीन चिश्ती ने कहा कि यह कब तक चलेगा कि कोई भी व्यक्ति विशेष किसी भी धार्मिक स्थल पर उंगली उठा देता है
और सवाल खड़े कर देता है जिससे देश का धार्मिक सद्भाव ख़राब होता है और विश्व में हमारे देश की प्रति नकारात्मक छवि जाती है जबकि हमारा देश आज विश्व गुरु के रूप में पूरी दुनिया में देखा जा रहा है हिंदुस्तान महान मुल्क है यहां पर इस तरीके की धार्मिक अनुवाद से बचने की सख्त जरूरत है
इस झूठे तथ्य और मनगढ़ंत इतिहास पर आधारित दावे को जिसमें ख्वाजा साहब की दरगाह में मंदिर होना बताया है हम इसे सिरे से खारिज करते हैं सज्ज़ादानशीन साहब के कार्यालय की तरफ से और मैं खुद औलाद गरीब नवाज़ होने के नाते इस प्रकार के मनघंडनटत दावे और इतिहास को पूरी तरह से नकराता हूँ