बरेली में बवाल टालना IPS प्रभाकर चौधरी को पड़ा महंगा! चुकाई सच बोलने की भी कीमत ….

IPS प्रभाकर चौधरी यह नाम आपको कुछ जाना पहचाना लग रहा होगा ! वजह यह है कि यह अधिकारी ना किसी का दबाव मानता है ना सत्ता के सामने झुकता है किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था बनाए रखना अपना सबसे पहले कर्तव्य समझता है जिसकी कीमत उनको कई बार चुकानी पड़ी।

आज अगर हम बात करें तो कल तक बरेली के SSP और सरकार के चहेते रहे प्रभाकर चौधरी ने जब गत दिवस कावड़ियों को नई परंपरा शुरू न करने और शहर का माहौल खराब ना होने देने के लिए बार-बार समझाया था फिर भी वह नहीं माने शहर को दंगे से बचाने के लिए इस अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और कावड़ियों पर सख्ती करते हुए हल्का लाठीचार्ज कर दिया साथ ही यह भी बयान दिया कि कावड़ियों के पास अवैध हथियार थे !

फिर क्या था सत्ता को यह बात नागवार गुजरी और जब तक प्रभाकर चौधरी अपने आवास पर पहुंचते उससे पहले ही उनका बरेली ssp पद से तबादला कर दिया गया साथ ही उन्हें तत्काल ज्वाइन करने को कहा गया। लेकिन ट्रांसफर आदेश का यह वक्त सवाल भी खड़े कर रहा है ।

वैसे भी 13 साल की नौकरी में 21 वा ट्रांसफर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है साथ ही लोगों का कहना यह है कि क्या ईमानदारी और जिम्मेदारी निभाने पर सरकार सजा देती है अगर ऐसा ही होता रहा तो ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारी कैसे काम कर पाएंगे शहर को दंगे की आग से बचाने के लिए जहां प्रभाकर चौधरी की पीठ थपथपाई जानी थी वहां पर उनका तत्काल ट्रांसफर कई सारे सवाल खड़े करता है

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