पहलवानों की लड़ाई अब अंतरराष्ट्रीय संगठनों तक पहुंची! रेसलिंग के विश्वव्यापी संगठन ने दी चेतावनी…..

पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने मोर्चा खोल रखा है. धरना दे रहे रेसलर्स को अब दिल्ली के जंतर-मंतर से भी हटा दिया गया है. ऐसे में मंगलवार को पहलवानों के एक कदम ने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया.

रेलसर्स ने अपने मेडल हरिद्वार पहुंचकर गंगा नदी में बहाने का ऐलान किया. प्लान के मुताबिक शाम के समय भारी भीड़ के बीच रेसलर्स हर की पौड़ी पहुंचे, लेकिन किसान नेता नरेश टिकैत ने उनके मेडल ले लिए और उन्हें समझाते हुए सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दे दिया.

पहलवानों के हरिद्वार में मेडल बहाने के ऐलान की चर्चा देशभर में हो रही थी. इसी बीच रेसलिंग के सबसे बड़े संगठन की तरफ से भी इस मामले में बयान आ गया. यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने कहा कि अगर 45 दिनों के अंदर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव नहीं होते हैं तो WFI को आगे के मैच के लिए सस्पेंड किया जा सकता है.

तब भारतीय झंडे के साथ नहीं खेल पाएंगे खिलाड़ी!

UWW की धमकी इसलिए भी अहमियत रखती है, क्योंकि अगर WFI को सस्पेंड कर दिया जाता है तो भारतीय एथलीट्स को आगे के सभी मैच न्यूट्रल झंडे के साथ खेलने होंगे. यानी कोई भी खिलाड़ी भारतीय ध्वज के साथ अंतरराष्ट्रीय कुश्ती के मैच में भाग नहीं ले पाएगा.

पहलवानों के मुद्दे पर बैठक आयोजित करेगा UWW

पहलवानों की स्थित जानने और उनकी सुरक्षा के बारे में बात करने के लिए UWW बैठक आयोजित करने वाला है. संगठन भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन और WFI की एड-हॉक कमेटी से ऐच्छिक जनरल कमेटी बनाने के बारे में भी अनुरोध करेगा.

अब तक की जांच को लेकर व्यक्त की निराशा

UWW ने पहलवानों के साथ हो रहे व्यवहार और उन्हें हिरासत में लिए जाने की निंदा की है. इसके साथ ही UWW ने अब तक की जांच के परिणामों की कमी पर निराशा व्यक्त की है. UWW ने संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह किया है.

रेसलर्स ने हरिद्वार में क्यों नहीं बहाए मेडल?

हरिद्वार में मेडल बहाने के लिए रेसलर्स मंगलवार की शाम करीब 5.45 बजे हर की पौड़ी पहुंचे थे. यहां विनेश फोगाट और साक्षी मलिक गंगा नदी के किनारे बैठ गईं. उनकी आंखों में आंसू थे. काफी देर तक दोनों सिर पकड़कर रोती रहीं. यह सारा घटनाक्रम चल ही रहा था कि इस बीच किसान नेता नरेश टिकैत वहां पहुंच गए. उन्होंने साक्षी और विनेश से उनके मेडल ले लिए और समझाते हुए सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दे दिया.

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