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एंबुलेंस में मौत और जिंदगी से लड़ते रहे घायल ! डॉक्टर फरमाते रहे आराम । नहीं खोला अस्पताल का गेट …..

सड़क हादसे में घायल हुए दो युवक एंबुलेंस में तड़प रहे हैं… एंबुलेंस के कर्मचारी अस्पताल की इमरजेंसी का दरवाजा खटखटा रहे हैं और जोर से कह रहे हैं कि दरवाजा खोलो, मरीज हैं, हालत गंभीर है लेकिन अंदर आराम फरमा रहे चिकित्सकों और कर्मचारियों की नींद नहीं टूट रही है। 20 मिनट तक दरवाजा खटखटाने के बाद एंबुलेंस कर्मचारी मरीज को लेकर चले जाते हैं। इसके बाद घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराते हैं।

बुधवार की रात करीब दो बजे का यह वाक्या मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का है। इसका वीडियो बृहस्पतिवार को वायरल हुआ। इस पर सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार ने जांच के आदेश दे दिए। इमरजेंसी के चौकीदार को निलंबित कर दिया। उधर, सीएचसी प्रभारी डॉ. प्रदीप यादव का कहना है कि उन्हें इसकी जानकारी वायरल वीडियो को देखने के बाद हुई है। हालांकि, अस्पताल में सीसीटीवी भी लगे हैं। एंबुलेंस सेवा के कर्मचारियों का कहना है कि घायलों को ईस्टर्न पेरिफेरेल एक्सप्रेसवे से लाया गया था।
बुधवार रात करीब एक बजे दोनों सड़क हादसे में घायल हुए थे। राहगीर के ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर भिक्कनपुर गांव के पास बुधवार रात करीब एक बजे सड़क हादसा हुआ था। इसमें युवक चरन सिंह और बच्चा रोहित घायल हुए थे। निजी अस्पताल में चले उपचार के बाद बृहस्पतिवार को दोनों को छुट्टी दे दी गई।
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधार ने बताया कि मामले की जांच एसीएमओ डॉ. चरण सिंह और डीएन सक्सेना को सौंपी गई है। सीएचसी पर तैनात चिकित्सकों और कर्मचारियों से पूछताछ की जाएगी। सीसीटीवी फुटेज भी देखी जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई तय होगी।

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