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उत्तराखंड में सीएम के बदलाव के साथ कांग्रेस में भी हलचल तेज- इनको मिल सकती है प्रदेश की कमान…

देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी ने इस बार मुख्यमंत्री युवा चेहरे के हाथों उत्तराखंड की कमान सौंपी है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने के बाद कांग्रेस में भी अब प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कवायद तेज हो गई है।

सूत्रों की माने तो कांग्रेस पार्टी भी उत्तराखंड में प्रदेश अध्यक्ष युवा चेहरे गणेश गोदियाल को उत्तराखंड प्रदेश की कमान सौंप सकती है। और जल्द इसकी घोषणा भी कर सकती है।

नेता प्रतिपक्ष इंद्रा हिरदेश के निधन के बाद से कांग्रेस उत्तराखंड में बदलाव करने वाली है। इसके संकेत मिल रहे थे लंबे समय से प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष चयन पर चल रही अटकलें अब जल्द खत्म हो सकती हैं।

कहीं ना कहीं बीजेपी ने जैसे ही उत्तराखंड की कमान युवा चेहरे के हाथों में दी है इससे कांग्रेस भी कहीं पर चूक नहीं करेगी और 2022 फतह करना है तो बहुत सोच समझकर कदम रखेगी इस लिहाज से गणेश गोदियाल ही फिट बैठ रहे हैं।

हरदा के करीबी माने जाते हैं गणेश गोदियाल

राज की बात है कि कांग्रेस विधायक दल की नेता इंदिरा ह्रदयेश की मौत के बाद शक्ति प्रदर्शन और महत्वाकांक्षाओं का गुबार ज्यादा फैल रहा है. इंदिरा ह्रदयेश के निधन के बाद हरीश रावत जाहिर तौर पर सबसे वरिष्ठ और कद्दावर नेता बचे हैं. राज की बात है कि रावत अपने करीबी गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर खुद कैंपेन कमेटी के चेयरमैन के रूप में उत्तराखंड में बिसात पूरी तरह से अपने हाथ में लेना चाहते हैं. केंद्र में महासचिव वह हैं ही और कांग्रेस आलाकमान भी मान रहा है कि रावत को आगे कर ही चुनाव जीता जा सकता है.

रावत की इस घेरेबंदी के खिलाफ उत्तराखंड कांग्रेस के दूसरे नेता सक्रिय हो गए हैं. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह जो कि अनुसूचित जाति से हैं, वे तुरंत सक्रिय हुए. प्रीतम सिंह को इंदिरा ह्रदयेश की जगह विधायक दल का नेता बनाने की रावत की कोशिशों के खिलाफ वो दिल्ली पहुंच गए. उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात कर अपना पक्ष भी रखा है. इतना ही नहीं उत्तराखंड कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय भी दिल्ली पहुंच गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष के लिए ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उनका दावा मजबूत है. इंदिरा ह्रदयेश के बाद ब्राह्मण चेहरे के तौर पर वह निश्चित ही अनुभवी और बड़े नेता हैं.

किशोर और प्रीतम सिंह की प्रियंका से मुलाकात क्या गुल खिलाती है, ये अब वक्त तय करेगा. मगर कांग्रेस उत्तराखंड का सत्ता बदलने का इतिहास इस सिर फुटव्वल के चलते बदले, ऐसा नहीं होने देना चाहती. देखना दिलचस्प है कि इसका समाधान क्या निकलता है.

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