ज्ञानवापी परिसर का सर्वे पूरा करने और रिपोर्ट पेश करने के लिए 8 सप्ताह का समय मांगने के एएसआई के प्रार्थना पत्र पर मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने विरोध किया है।
सोमवार को जिला जज की अदालत में मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल कर कहा कि जो हलफनामा कोर्ट में दिया है उसके विपरित सर्वे किया जा रहा है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को जीपीआर तकनीक से सर्वे की अनुमति है लेकिन ज्ञानवापी परिसर में जगह-जगह खोदाई की जा रही है।
मलबे को ट्रक से हटाया जा रहा है। एएसआई टीम द्वारा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया जा रहा
इस पर जिला जज की अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 8 सितंबर की तिथि तय की। इसी दिन ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मूल वाद में लंबित अन्य आवेदनों पर भी सुनवाई होनी है। फिलहाल, सर्वे जारी है। इसकी रिपोर्ट अदालत को नहीं दी जा सकी है।
बीते शुक्रवार को ही एएसआई ने ज्ञानवापी के सर्वे और उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा था।
राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के विशेषज्ञों की एक टीम जीपीआर सर्वे कर रही है। प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण और अध्ययन भी किया जा रहा है।
एएसआई ने सर्वे को आगे बढ़ाने और रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दूसरी बार समय मांगा है।
जिला जज की अदालत ने 21 जुलाई को जो आदेश दिया था, उसमें कहा था कि दो अगस्त तक सर्वे रिपोर्ट मुहैया कराई जाए।
बाद में मामला हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चला गया। जब तीन अगस्त को सर्वे जारी रखने का आदेश आया तो एसआई ने समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई।
दो सितंबर तक दाखिल करने का आदेश दिया। अब एएसआई ने फिर समयसीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई है।