आज किसान भूख हड़ताल पर’ सरकार ने फिर दिया बातचीत करने का न्योता…

  • किसानों ने ऐलान किया कि सोमवार को एक दिवसीय भूख हड़ताल करेंगे.
  • भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक बिल वापिस नहीं होगा,
  • एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा तब तक किसान यहां से नहीं जाएंगे.
  • 23 तारीख को किसान दिवस के मौके पर किसान आप से कह रहे हैं कि एक समय का भोजन ग्रहण न करें और किसान आंदोलन को याद करें.

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. सरकार का दावा है कि यह कानून देश के किसानों के हित में हैं. सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि ठोस समस्याओं का समाधान कर दिया गया है. वहीं किसान हैं कि मानते नहीं. किसान तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं. किसान कंपकंपाती सर्दी में भी 25 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं.


सरकार की ओर से किसानों के नाम चिट्ठी लिखी जा रही है तो किसानों की ओर से सरकार के नाम खुला पत्र. अब किसानों की ओर से सभी धरना स्थलों पर भूख हड़ताल का ऐलान किया गया है, वहीं सरकार की ओर से फिर एक चिट्ठी 40 किसान संगठनों के नाम लिखी गई है. कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान मोर्चा समेत 40 किसान संगठनों को चिट्ठी लिखकर एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से बात कर रहे हैं. वे (नरेंद्र सिंह तोमर) एक-दो दिन में आंदोलन खत्म कराने के लिए किसानों से मुलाकात कर सकते हैं. वहीं, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर बड़ा बयान दिया. खट्टर ने कहा कि अगर एमएसपी खत्म करने की कोशिश भी हुई तो राजनीति छोड़ देंगे.

आज किसानों की भूख हड़ताल


अब किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है. स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि 21 दिसंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ सभी धरना स्थलों पर किसान 24 घंटे का उपवास शुरू करेंगे.

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