देश का चर्चित नाम बन चुके कानपुर का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे जो कानपुर और लखनऊ के आस-पास के जिलों के कई छोटे-बड़े पुलिसकर्मियों और नेताओं के सम्पर्क में रहता था। बसपा सरकार में उसके कई नेताओं से सम्बन्ध थे तो सपा सरकार में उसने स्थानी सपाईयों का साथ लेकर पत्नी रिचा को जिला पंचायत सदस्य बनवा लिया था। इसी नेटवर्क की बदौल वह जेल के अंदर रहते हुए प्रधानी का चुनाव जीत गया था।आपको बता दे वर्ष 2016 में वह सपा के कई नेताओं के करीब आ गया था। इस दौरान उसने इन्द्रलोक कालोनी में अपने घर की साज सज्जा भी करवायी। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2017 में जब कानपुर में पुलिस उसे सरगर्मी से ढूढ़ रही थी तो वह अपने नेटवर्क का फायदा उठाकर लखनऊ में छिपा रहा था। इन्द्रलोक कालोनी वाले घर में वह रात को पहुंचता था। दिनभर वह लखनऊ में परिचितों के घूमता था। लखनऊ में विकास दुबे को कोई ज्यादा पहचानता नहीं था। अपने मोहल्ले में वह लोगों के सम्पर्क में ज्यादा नहीं रहता था।
नेटवर्क से ही पुलिस के पहुंचने की सूचना मिली दरअसल अफसरों के बीच ही यह चर्चा है कि अपने नेटवर्क के बूते ही उसे पुलिस के पहुंचने की खबर मिल गई थी। यही वजह रही कि वह पहले ही सतर्क हो गया और अपने साथियों के साथ पुलिस पर भारी पड़ गया।