साउथ दिल्ली के थाने में पहुंचते ही वहां मौजूद पुलिसवालों में इस बात को लेकर के कौतूहल था कि किसान नेता अचानक उनके थाने पर क्यों चले आए. आनन-फानन में इलाके के डीसीपी को भी इसकी जानकारी दे दी गई कि किसान नेता राकेश टिकैत थाने में धमक आए हैं.
दिल्ली के बॉर्डर पर लगभग 11 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत अचानक शुक्रवार को दिल्ली के आरके पुरम थाना पहुंच गए. टिकैत के अचानक पहुंचने से थाने में गहमागहमी शुरू हो गई.
साउथ दिल्ली के थाने में पहुंचते ही वहां मौजूद पुलिस वालों में इस बात को लेकर के कौतूहल था कि किसान नेता अचानक उनके थाने पर क्यों चले आए. आनन-फानन में इलाके के डीसीपी को भी इसकी जानकारी दे दी गई कि किसान नेता राकेश टिकैत थाने में धमक आए हैं.
किसान आंदोलन के मद्देनजर दिल्ली में राकेश टिकैत की किसी थाने में एंट्री को लेकर बवाल मचना लाजमी था. तुरंत सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई की कहीं कोई बवाल मचाने राकेश टिकैत ना पहुंचे हों. अभी अफरा-तफरी मचनी शुरू ही हुई थी कि राकेश टिकैत ने वहां मौजूद पुलिसवालों को अपनी 25 साल पुरानी कहानी बतानी शुरू की. टिकैत ने उन्हें बताया कि 25 साल पहले वो इसी थाने में बतौर कॉन्स्टेबल काम करते थे.
दरअसल, राकेश टिकैत की भर्ती दिल्ली पुलिस के बम स्क्वायड में साल 1991 में हुई थी और उनकी पोस्टिंग आरके पुरम थाने में हुई. जहां लगभग 5 साल तक यानी सन 91 से लेकर 96 तक वह बतौर कॉन्सटबल काम करते रहे.