प्रियंका गांधी के साथ जयंत की मुलाकात क्या गुल खिलाएगी ! बदल सकते हैं समीकरण?

उत्‍तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। ऐसे में हर राजनीतिक दल और नेता की छोटी-बड़ी हर गतिविधि सुर्खियां बटोर रही है। उनके राजनीतिक निहितार्थ तलाशे जा रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर रालोद के जयंत चौधरी और प्रियंका गांधी के बीच मुलाकात हुई तो पश्चिमी यूपी के समीकरणों को लेकर नए सिरे से चर्चाएं तेज हो गईं। पश्चिम यूपी के 15 जिलों की कुल 71 में से 51 सीटों पर जाट वोटों का दबदबा है।

2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद भाजपा को जाट वोटों को अपने साथ जोड़ने में कामयाबी मिली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 71 में से 52 सीटें जीत ली थीं। जबकि किसी जमाने में जाटों की रहनुमाई के लिए जानी जाने वाली रालोद के हाथ सिर्फ बड़ौत की एक सीट आई थी। वहां से जीते पार्टी विधायक ने भी बाद में भाजपा का दामन थाम लिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में वेस्‍ट यूपी की 19 सीटें सपा, बसपा और निर्दल उम्‍मीदवार के खाते में गई थीं। जाहिर, 2017 का चुनाव वेस्‍ट यूपी में भाजपा की जड़ें गहरी कर गया था लेकिन इस बार किसान आंदोलन के चलते समीकरण गड़बड़ाते नज़र आ रहे हैं। भाजपा जहां किसानों की नाराजगी और जाट वोटों के कटने के अंदेशे के चलते छोटी-छोटी जातियों को सहेजने के विकल्‍प पर काम कर रही है वहीं सपा, बसपा, कांग्रेस और रालोद भी अपने-अपने समीकरणों को दुरुस्‍त करने में जुटे हैं।

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