कोरोना महामारी के कारण कांवड़ यात्रा स्थगित होने के बाद कांवड़ियों को किसी भी कीमत पर उत्तराखंड सीमा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। किसी भी स्तिथि से निपटने के लिए हरिद्वार पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। उत्तराखंड बॉर्डर पर पुलिस के साथ आज से पीएसी के जवान भी मोर्चा संभाल लेंगे। डीजीपी (कानून व्यवस्था) अशोक कुमार के निर्देश अनुसार हरिद्वार जिले के लिए पीएसी की तीन कंपनियां आवंटित कर दी गई हैं। उन्होंने बताया की छह जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली थी।जिसको देखते हुए उत्तराखंड बॉर्डर पर निगरानी बढ़ा दी गई है। आम जनता से भी अपील की गई है कि कांवड़ियों को कहीं भी देखते ही तुरंत पुलिस को सूचना दें।
आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने छह जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा को स्थगित कर दिया है, लेकिन इसके पश्चात भी आशंका है कि बाहरी राज्यों से शिवभक्त, गंगाजल भरने हरिद्वार आ सकते हैं। इसको देखते हुए हरिद्वार पुलिस ने जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में 10 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया है, जहां से बाहरी प्रदेशों के कांवड़िए उत्तराखंड में प्रवेश कर सकते हैं। यहां कांवड़ियों को रोकने के लिए हरिद्वार पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है। एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस ने बताया कि सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस फोर्स को सख्त निर्देश दिए गए है कि कांवड़ियों को किसी भी सूरत में उत्तरखंड मेंप्रवेश न दिया जाए।
इन स्थानों पर पुलिस के साथ पीएसी की तैनाती की गयी है -हरिद्वार जिले के नारसन, पुरकाजी, लखनौता, तेज्जुपुरा, तेलपुरा, मंडावर, काली नदी, बालावाली, सप्तऋषि और चिड़ियापुर बॉर्डर उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से जोड़ते हैं। सबसे ज्यादा कांवड़िये भी इन्हीं बॉर्डर से होकर जल भरने आते हैं।