उत्तराखंड: घर लौटे प्रवासियों को नहीं मिल पा रहा है अपना पन……

कोरोना के कारण रोजगार छूटा तो लौट चले प्रवासी अपने गांव की ओर…लेकिन इस बार गांव में उन्हें अपना पन नहीं मिला जो गांव में मिलता था। घर वाले तो नहीं लेकिन आस पड़ोस के लोग उनसे कटने लगे हैं।

होम क्वारंटीन के विरोध में ग्रामीण

टिहरी जिले में बुधवार तक 22 हजार 641 लोग अपने गांव पहुंचे हैं। उनमें से 5497 लोग होम क्वारंटीन हैं। अब गांवों के बाहर से आने वालों को क्वारंटीन करने की समस्या आने लगी है। संक्रमण फैलने की दहशत से आए ग्रामीणों के विरोध के चलते कई प्रवासी होम क्वारंटीन नहीं हो पा रहे हैं।
जिससे सीमित संसाधनों में व्यवस्था बनाने में जुटे ग्राम प्रधान भी खासे परेशान हैं। बेरगणी के प्रधान मोहन सिंह नेगी ने बताया कि उनके गांव के आसपास पंचायत घर और महिला मिलन केंद्र भी हैं। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें गांव से दूर संस्थागत क्वारंटीन कराना पड़ा। अभी और लोगों के घर पहुंचने की उम्मीद है।

घरवाले भी करने लगे टोका-टाकी

पौड़ी में भी लोगों के वापस आने का सिलसिला जारी है। जिले में अभी तक 19 हजार से ज्यादा प्रवासी लौट चुके हैं। प्रवासियों के आगमन से ग्रामीण सहमे हुए हैं। घर लौटने वाले प्रवासियों को क्वारंटीन नियमों का पालन करने के लिए घर वाले ही टोका-टाकी करने लगे हैं।

प्रवासियों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रदेश में छोटी सरकारों की मुसीबत बढ़ गई है।  अब इनकी ओर से प्रवासियों को क्वारंटीन करने के लिए जगह की कमी की शिकायत है। प्रदेश में 6430 ग्राम पंचायतों में ही पंचायत भवन हैं। इनमें से कुछ भवनों को मरम्मत की दरकार है। वहीं ग्राम पंचायत में अन्य सरकारी भवनों में पानी, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है।

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