देश के विभिन्न हिस्सों से उत्तराखंड पहुंच रहे प्रवासियों की संख्या के साथ-साथ राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ने लगा है। बीते एक सप्ताह में बाहर से लौटे 12 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है।
इसके साथ चिंताजनक बात ये है कि इन सभी मरीजों में से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं हैं। ऐसे प्रवासियों की समय पर पहचान नहीं हुई तो राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने की पूरी आशंका है।
उत्तराखंड में बीते एक सप्ताह में 56 हजार से अधिक प्रवासियों को लाया जा चुका है। आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़नी है और आंकड़ा तीन लाख तक पहुंचने का अनुमान है।
उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों की जांच बहुत सीमित संख्या में हो रही है। अधिकांश लोग महज स्क्रीनिंग के बाद अपने शहर और गांव तक पहुंच जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो एसिप्टोमैटिक हैं, यानि इनमें कोरोना के लक्षण उभरे ही नहीं है।
ऐसे संक्रमित कुछ ही समय में संक्रमण को बड़े स्तर तक ले जा सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि एक बार संक्रमण समाज (कम्युनिटी लेवल) तक पहुंच गया तो फिर उसे नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होगा। इससे उत्तराखंड में महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे हालात हो सकते हैं।