उत्तराखंड में चीन के सामान पर बैन… मुख्यमंत्री ने कहा चीन की कंपनियों के सरकारी टेंडर पर भी लगा दी है रोक.आत्मनिर्भर भारत पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार नीतिगत फैसला ले चुकी है.
देहरादून भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के दौरान हुई घटना के बाद चायनीज प्रोडक्ट पूरे भारत में बहिष्कार किया गया है वहीं देशभर मैं बहिष्कार के बाद अब उत्तराखंड सरकार सख्त हो गई है, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि प्रदेश में चीन निर्मित उत्पादों व उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्ट्स में भी चाइनीज उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
गुरुवार को सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में सीएम रावत ने कहा कि प्रदेश में चल रहे विकास परियोजनाओं में चीन निर्मित उत्पादों व उपकरणों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है।
गौरतलब है कि गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिकों की शहादत से पूरे देश में चीन के खिलाफ लोगों में गुस्सा है।
सैनिकों की शहादत के बाद चीन को सबक सिखाने को केंद्र सरकार राजनीतिक, कूटनीतिक और आर्थिक रूप से घेरेबंदी में लगी है।
पर्यटन विभाग में ऐसे सभी कार्य, जिन्हें लेकर चीनी कंपनियों के साथ करार हुआ है, उनकी जानकारी जुटाने के बाद फैसल लिया गया था।
खासतौर पर रोपवे प्रोजेक्ट समेत अन्य दूसरे निर्माण कार्यों में चीन की भूमिका की भी पड़ताल में चीनी कंपनियों की भूमिका नहीं मिली थी।
रावत ने कहा चीनी एप पर रोक के केंद्र के फैसले को ऐतिहासिक और साहसिक बताते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक हो सके, हर व्यक्ति को चीन के उत्पादों का इस्तेमाल बंद करना चाहिए
चीन के खिलाफ देशभर में जारी गुस्से के बीच मुख्यमंत्री रावत ने भी लोगों से चीनी उत्पादों का इस्तेमाल बंद करने का आह्वान किया।