यूपी में ट्रांसजेंडरों को आरक्षण दिए जाने की तैयारी है। इसके लिए सभी जिलों में उनकी आर्थिक व सामाजिक स्थिति का सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
उनका पंजीकरण कराकर सही संख्या का पता लाने का प्रयास भी हो रहा है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश में ट्रांसजेंडरों की 137465 है। इनकी वास्तविक संख्या इससे कहीं ज्यादा बताई जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट काफी पहले ही केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दे चुका है ।
ताकि, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सार्वजनिक नियुक्तियों में उन्हें भी वाजिब हक मिल सके। समय रहते राज्यों की ओर से इस मामले में समुचित निर्णय न लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस भी विचाराधीन है।
शासन के उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में आवश्यक डाटा जुटाने और ट्रांसजेंडरों का भारत सरकार के पोर्टल www.transgender.dosje.gov.in पर पंजीकरण के लिए सभी जिलाधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिए गए हैं।
इसमें यह भी देखना है कि ट्रांजेंडरों का अपने परिवार से समुदाय क्या है। क्या वे समाज में उपेक्षित महसूस करते हैं। वे किन योजनाओं में भागीदारी चाहते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी आम समस्याएं क्या हैं और उनके इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में क्या सुविधा उपलब्ध रहती है।
मध्य प्रदेश में ट्रांसजेंडरों को ओबीसी वर्ग में शामिल हो चुके हैं। इसके तहत उन्हें सरकारी भर्ती में 14 फीसदी आरक्षण का लाभ भी मिल रहा है।