फिलिस्तीन के हमास लड़ाकों और इज़राइल के बीच चल रही लड़ाई ने मध्य पूर्व में भूकंप ला दिया है। इस लड़ाई के कारण भारत और अमेरिका की महत्वाकांक्षी परियोजना भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे को बड़ा झटका लगा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परियोजना लंबे समय तक अधर में लटकी रहेगी।G-20 शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, सऊदी, यूएई और यूरोपीय देशों के बीच भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IMEC) के संबंध में पिछले महीने भारत में हुए समझौते को G-20 की एक बड़ी सफलता माना गया था। लेकिन इस समझौते के एक महीने भी नहीं बीते थे, जब फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के लड़ाकों ने इज़राइल पर हमला किया और मध्य पूर्व एक बार फिर अस्थिर हो गया। इस इज़राइल-हमास संघर्ष के कारण, दुनिया की दो सबसे बड़ी शक्तियों, अमेरिका और भारत, का IMEC गलियारा परियोजना का सपना टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर का एक पोस्ट भी वायरल हो रहा है। इस पोस्ट में उन्होंने कहा है कि हमास के इस हमले ने IMEC को लेकर मोदी सरकार की महत्वाकांक्षाओं को बड़ा झटका दिया है।मीर ने जियो टीवी पर एक शो में कहा, ‘हमास के इस हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है, लेकिन भारत की सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी इससे बहुत परेशान है और इस हमले पर गुस्से में भी दिख रही है। पीएम मोदी सहित भारत के कई नेता उत्साहपूर्वक इस्राइल का समर्थन कर रहे हैं। सवाल यह है कि भारत हमास के हमले को लेकर इस्राइल का इतना समर्थन क्यों कर रहा है? ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे हमले ने IMEC को लेकर भारत के प्लान को बर्बाद कर दिया है।’IMEC का मतलब है इंडिया-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर। यह एक प्रस्तावित कॉरिडोर है जो भारत को ईरान, इराक और सीरिया के माध्यम से भूमध्यसागर से जोड़ता है। इस कॉरिडोर के बनने से भारत को मध्य पूर्व के देशों तक पहुंच आसान हो जाएगी और व्यापार बढ़ेगा।हमास के हमले ने इस्राइल और गाजा पट्टी के बीच युद्धविराम कायम कर दिया है। इस युद्धविराम से IMEC प्रोजेक्ट पर भी असर पड़ेगा। IMEC प्रोजेक्ट के लिए जरूरी है कि ईरान, इराक और सीरिया के बीच शांति हो और ये देश स्थिर हों। लेकिन अभी इन देशों में अस्थिरता की स्थिति है। ऐसे में IMEC प्रोजेक्ट को पूरा करना मुश्किल होगा।मीर का कहना है कि IMEC प्रोजेक्ट पर असर पड़ने से मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। मोदी सरकार इस प्रोजेक्ट के जरिए भारत को मध्य पूर्व में एक बड़ी शक्ति बनाना चाहती थी। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में संदेह है।