शासन ने एस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच जल्द पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा….

पूर्व पुलिस महानिदेशक बीएस सिद्धू पर लगे आरोपों की जांच डेढ़ साल से पूरी नहीं हो पाई है। इस संबंध में शासन ने एक बार फिर सेवानिवृत्त आइएएस डीके कोटिया को जांच के संबंध में रिमाइंडर भेजा है। शासन ने उनसे जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

उत्तराखंड के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर मार्च 2013 में वीरगिरवाली, राजपुर के आरक्षित वन क्षेत्र में भूमि को अवैध तरीके से खरीदने और पेड़ों के अवैध कटान के आरोप लगे थे। यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व डीजीपी ने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के जांच अधिकारियों के कार्य में बाधा डाली। यह मामला काफी सुर्खियों में रहा। उनकी सेवानिवृत्ति से ठीक एक दिन पहले उन्हें 29 अप्रैल 2016 को सरकार ने उन्हें चार्जशीट थमाई। जवाब में पूर्व डीजीपी ने चार्जशीट में लगाए गए तमाम आरोपों को नकार दिया था। इसके बाद शासन ने तत्कालीन प्रमुख सचिव रणबीर सिंह को यह जांच सौंपी।

उन्होंने जांच तो की लेकिन बाद में सेवानिवृत्ति के समय नजदीक होने का हवाला देते हुए हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद शासन ने तत्कालीन प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी को यह जांच सौंपी, लेकिन उन्होंने भी इस जांच से हाथ पीछे खींच लिया। तीन बार जांच अधिकारी बदलने के बाद अक्टूबर 2019 में यह जांच सेवानिवृत आइएएस डीके कोटिया को सौंपी गई। उन्होंने जांच शुरू की, लेकिन तब तक कोरोना के कारण लाकडाउन लग गया। अनलाक प्रक्रिया शुरू हुई तो जांच अधिकारी ने आरोपित की अधिक उम्र का हवाला देते हुए स्थिति ठीक होने पर उनका पक्ष लेने के बाद रिपोर्ट पूरी करने की बात कही। परिस्थिति संभलने के बावजूद अभी तक जांच पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में शासन ने एक बार फिर जांच अधिकारी को जांच पूरी करने के लिए रिमाइंडर भेजा है।

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