यूपी में हुई शिक्षक फर्जीवाड़ा वाले केस में मास्टरमाइंड के भाई ने किये नए खुलासे। दरअसल फर्जी शिक्षक अनामिका शुक्ला केस मामले में गुरुवार को पुलिस ने कासगंज में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी दिलवाने वाले गैंग के मास्टरमाइंड राज के भाई जसवंत सिंह को मैनपुरी से गिरफ्तार कर लिया है। जसवंत सिंह ने पूछताछ में कई पर्दाफाश किए है। हलाकि जसवंत खुद भी फर्जी तरीके से नौकरी कर रहा था। जसवंत ने बताया है कि उसने 17 से 18 लड़कियों को अलग अलग स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे नौकरी दिलवाई थी। अब पुलिस इन स्कूलों में जांच-पड़ताल के लिए जा रही है।
गिरफ्तार हुआ जसवंत सिंह भी कन्नौज में विभव कुमार के नाम से प्राइमरी स्कूल में हेडमास्टर पद पर नौकरी करता पकड़ा गया है। उसकी भी फर्जी नाम से विभाग में नियुक्ति चल रही है। दोनों भाईयों ने फर्जी दीप्ति सिंह को भी सात साल पहले नौकरी पर लगवाया था। इन्होने अभी तक यह लोग 18 से 20 महिलाओं को फर्जी नामों से बेसिक शिक्षा विभाग में संविदा पर नौकरी लगवा चुके हैं। पूछताछ में जसवंत सिंह ने बताया कि, विभव कुमार के नाम से उसने एक बैंक से कार लोन भी ले रखा है।अभी एसपी के मुताबिक मास्टमाइंड पुष्पेन्द्र सिंह उर्फ राज की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं, उसके पकड़े जाने पर और भी महत्वपूर्ण खुलासे होने की उम्मीद है। एसपी कासगंज ने बताया कि राज की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया जा रहा है।
दीप्ति सिंह नाम की शिक्षिका का भी फर्जीवाड़ा
अनामिका शुक्ला के बाद एक और फर्जी शिक्षिका का केस आया सामने- …अनामिका शुक्ला का पर्दाफाश होने के बाद जांच शुरू हुई तो मैनपुरी में एक फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। इस बार इस फर्जीवाड़े में अनामिका नाम तो नहीं आया लेकिन दीप्ति के नाम से करहल के कस्तूरबा स्कूल में फर्जी शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही थी।मैनपुरी सहित पूरे प्रदेश में अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद हंगामा बढ़ा तो कथित दीप्ति ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि लॉकडाउन के चलते कस्तूरबा अभी बंद है लेकिन दीप्ति का इस्तीफा आते ही विभाग हरकत में आ गया। बीएसए ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बना दी है।