सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है, जिसमें कहा गया है कि सरकार अभियोजक नहीं बल्कि उत्पीड़क की तरह काम कर रही है। यह टिप्पणी एक मामले में की गई है, जिसमें चार लोगों को गैंगस्टर नियंत्रण अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है। अदालत ने कहा है कि सरकार ने अपने जवाब में उन मामलों को शामिल किया है, जिन्हें रद्द कर दिया गया है या जिनमें आरोपियों को बरी कर दिया गया है।
वही इस मामले में चार लोगों को जमानत दे दी गई है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि पासपोर्ट पहले से ही निचली अदालत में जमा है। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ अप्रैल, 2022 में सहारनपुर जिले में दर्ज किया गया मामला अवैध खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे से जुड़ा है। आरोपियों ने अधिवक्ता जाहिद हुसैन की ओर से उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपने मुवक्किलों को जमानत देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अधिवक्ता जाहिद हुसैन द्वारा दाखिल याचिकाओं पर विचार करते यह आदेश दिया है। याचिका में उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपने मुवक्किलों को जमानत देने की मांग की थी। पीठ ने याचिकाकर्ताओं को जमानत देते हुए, अपना अपना पासपोर्ट मुकदमे की सुनवाई करने वाले जज के पास जमा करने का आदेश दिया।