प्रियंका गाँधी और यूपी सरकार में वार-पलटवार, शुरू हुआ सियासत का नया दौर

प्रवासी मजदूरों की वापसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के एक हजार बसें चलाने के प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वीकार तो कर लिया लेकिन इसे लेकर सियासत का नया दौर शुरू हो गया है। बसों के संचालन पर प्रियंका व यूपी के सरकार के बीच लेटर वॉर चल रहा है। सोमवार को अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से सौंपी जा रही 1000 बसों को लखनऊ भेजने को कहा था। वहीं, आज उन्होंने कहा कि प्रियंका दोपहर 12 बजे तक नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर 500-500 बसें भेज दें। 

इसके जवाब में प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आज शाम पांच बजे तक नोएडा और गाजियाबाद सीमा पर पहुंच जाएगी। कृपया यात्रियों की सूची तैयार रखें। 

इसके जवाब में पत्र में संदीप सिंह ने लिखा, ‘आपका पत्र सुबह 11:05 बजे मिला। इस संदर्भ में बताना चाहता हूं कि हमारी कुछ बसें राजस्थान से आ रही हैं और कुछ दिल्ली से, इनके लिए दोबारा परमिट दिलवाने की कार्यवाही जारी है। बसों की संख्या अधिक होने के नाते इसमें कुछ घंटे लगेंगे।’

यूपी सरकार ने सोमवार को मांगी थी 1000 बसों की सूची 
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने सोमवार को प्रियंका के निजी सचिव को पत्र लिखकर अविलंब एक हजार बसों की सूची, ड्राइवर व कंडक्टर का नाम व अन्य जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है, जिससे इनका उपयोग प्रवासी मजदूरों की सेवा में हो सके।  

प्रियंका ने 16 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि पलायन करते हुए बेसहारा प्रवासी श्रमिकों के प्रति कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए 500 बसें गाजीपुर बॉर्डर और 500 बसें नोएडा बॉर्डर से चलाना चाहती है। इसका पूरा खर्चा कांग्रेस वहन करेगी। 

इसके बाद कांग्रेस ने बसों की सूची उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने उस सूची का निरीक्षण करने के बाद अब कांग्रेस पर आरोप लगाया  है कि इस सूची में बाइक और अन्य गाड़ियों के भी नंबर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने बताया कि कांग्रेस के बसों की सूची में मोटरसाइकिल तिपहिया वाहनों और कार के नंबर शामिल हैं।

सरकार के आरोप पर कांग्रेस ने दिया ये जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का कहना है कि सरकार जानबूझकर गुमराह कर रही है। इनकी आईटी सेल नंबरों में हेराफेरी करके यह काम कर रही है। मैं स्वयं फतेहपुर सीकरी में राजस्थान बॉर्डर पर मौजूद हूं। हमारी बसें तैयार हैं। सरकार अनुमति दे, तत्काल चलवा देंगे।

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