देहरादून: उत्तराखंड के मंत्री अक्सर सुर्खियों में रहते हैं कभी बयानबाजी यों को लेकर तो कभी विदेश यात्राओं को लेकर सरकार को पौने चार साल का समय पूरा हो गया है। इस दौरान मंत्रियों-अधिकारियों ने खूब विदेश दौरे किए। विदेश यात्राओं की संख्या, दिन और देशों का आकलन करें तो शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक अपने सहयोगियों पर भारी नजर आते हैं।
वहीं अधिकारियों में एसीएस राधा रतूड़ी और अपर सचिव स्तर के चुनिंदा अधिकारियों को छोड़कर तकरीबन सभी अधिकारी एक या एक से अधिक बार विदेश यात्रा कर चुके हैं।
काबीना मंत्री और प्रवक्ता मदन कौशिक, त्रिवेंद्र सरकार में रसूखदार मंत्री के रूप में देखे जाते हैं। सचिवालय गोपन विभाग द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, कौशिक ने दो विदेश यात्राओं में सात देशों का भ्रमण किया। उनके नाम कुल 17 दिन की विदेश यात्राएं दर्ज हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने दो बार में चार देशों की यात्राएं कीं। महाराज ने विदेश यात्राओं में सात दिन लगाए। स्वर्गीय प्रकाश पंत ने भी फ्रांस और मॉरिशस की यात्रा की थी। वन मंत्री हरक सिंह और कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के नाम एक-एक विदेश यात्रा दर्ज हैं। कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, यशपाल आर्य और दोनों राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत और रेखा आर्य ही ऐसे हैं जो अब तक विदेश दौरे पर नहीं गए हैं।
अफसरों के दौरे
सचिवालय प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार इस दौरान आईएएस, पीसीएस कैडर के कुल 31 अधिकारियों ने विदेश यात्राएं की। इसमें अपर सचिव मेहरबान सिंह बिष्ट ने चार, एसीएस मनीषा पंवार, सचिव आरके सुधांशु, अमित नेगी, नितेश झा, पंकज पांडेय और अरविंद सिंह हयांकी ने तीन- तीन बार विदेश यात्राएं की हैं। उत्तराखंड सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों की बात करें तो एसीएस राधा रतूड़ी अकेली अधिकारी हैं जिन्होंने एक भी बार विदेश यात्रा नहीं की। हालांकि सभी अधिकारियों को विदेश यात्रा की अंतिम अनुमति बतौर कार्मिक विभाग प्रमुख उन्हीं के हस्ताक्षर से जारी हुई हैं। प्रमुख सचिव आनंद वर्द्धन भी सिर्फ एक बार पंचेश्वर डेवलपमेंट अथॉरिटी शासकीय परिषद मीटिंग के लिए एक दिनी काठमांडु दौरे पर गए हैं। दोनों ही वरिष्ठ अधिकारी लो प्रोफाइल रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं।
मंत्रियों की सूचना फ्री और अफसरों के लिए शुल्क
सचिवालय प्रशासन ने मंत्रियों के विदेश दौरे का विवरण तो तत्काल दे दिया। लेकिन अधिकारियों का विवरण देने के लिए शुल्क मांगा गया। हालांकि इन यात्राओं पर आए खर्च का विवरण देने के बजाय, सचिवालय प्रशासन ने उक्त जानकारी यात्रा आयोजित करने वाले विभागों से अलग-अलग लेने को कहा है। गौरतलब है कि मार्च 2020 से कोविड के कारण विदेश यात्राएं थमी हुई हैं। इस कारण उक्त यात्राएं शुरुआती तीन साल में ही हुई हैं।