महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसा नाम है जिसे किसी भी परिचय की जरूरत नहीं है, धोनी पूरे विश्व में सबसे लोकप्रिय क्रिकेटरों में से एक हैं। क्रिकेट जगत में उन्हें बेस्ट फिनीशर के नाम से जाना जाता है। उनकी विशेष विकेटकीपिंग ,आक्रामक बल्लेबाजी और कूल कॅप्टेन्सी को लेकर दर्शको के बीच उनकी लोकप्रियता देखते ही बनती है,
आज क्रिकेट के इस जादूगर का 39 वां जन्मदिन है. हम आपके लिए लेकर आये है धोनी की जिंदगी से जुडी कुछ उपलब्धिया और एहम पल……..
धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड के रांची शहर में हुआ था, मूल रूप से उनका परिवार उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले का रहने वाला है। उनकी पढाई झारखंड के रांची में डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल में हुई, अपने स्कूल के प्रारंभिक दिनों में ,धोनी बैडमिंटन और फुटबॉल खेलते थे और अपनी फुटबॉल टीम के गोलकीपर थे। एक बार, उन्हें उनके फुटबॉल कोच ने स्थानीय क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए भेजा था। इस मैच में ऐसा हुआ की धोनी ने अपनी विकेट-कीपिंग से हर किसी को प्रभावित किया जिसके परिणामस्वरूप वह कमांडो क्रिकेट क्लब में नियमित विकेटकीपर बन गए।
इसके साथ ही धोनी की क्रिकेट के प्रति रूचि बढ़ती गयी,
धोनी ने 1998 में बिहार अन्डर-19 टीम के लिए खेलकर अपने करियर की शुरूआत की। उन्होंने पूर्वी जोन की अन्डर -19 क्रिकेट टीम के लिए भी खेला।1999 -2000 में, उन्होंने बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी से अपने करियर की शुरुआत की। देवधर ट्रॉफी, दुलीप ट्रॉफी और केन्या के भारत ‘ए’ के दौरे में उनके शानदार प्रदर्शन के कारण राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ताओं ने उन्हें नोटिस किया। आपको यह भी बता दें की धोनी ने 2001 से 2003 तक, मिदनापुर में दक्षिण पूर्वी रेलवे के तहत खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन टिकट परीक्षक (टीटीई) के रूप में काम किया भी किया
अपने बेहतरीन प्रदर्शन से प्रभावित करने के बाद साल 2004-2005 में महेंद्र सिंह धोनी का चयन राष्ट्रीय वन डे मैच में हुआ।2005 में धोनी को टेस्ट टीम में भी जगह मिली, महेंद्र सिंह धोनी ने अपना पहला वन डे मैच बांग्लादेश टीम के खिलाफ खेला था। लेकिन अपने पहले पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके और महज जीरो पर ही आउट हो गए।
2005 में अपने पाँचवे एक दिवसीय मैच में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने 148 रनों की जबर्दस्त पारी खेली थी। ये किसी भारतीय विकेट-कीपर के द्वारा बनाया गया सर्वोच्च स्कोर है। उस साल के अंत में श्रीलंका के खिलाफ नाबाद 183* रन बनाकर धोनी ने सिर्फ़ ख़ुद का बनाया रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि एक दिवसीय मैचों की दूसरी पारी में बनने वाला अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड भी कायम किया था। सीमित ओवरों के प्रारूप में धोनी की सफलता ने उनका स्थान भारतीय टेस्ट टीम में पक्का कर दिया और 2005-06 के अंत में हुए एक दिवसीय क्रिकेट में अपने अनुकूल प्रदर्शन से धोनी को आईसीसी एक दिवसीय रेटिंग में नम्बर 1 बल्लेबाज के रूप में स्थापित किया।
2007 में पहली बार विश्व टी -20 विश्व में भारत का नेतृत्व करने के लिए धोनी को चुना गया था, इसके बाद, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आईसीसी विश्व ट्वेंटी 20 वर्ल्ड कप मे भारत का नेतृत्व किया, और 24 सितंबर 2007 को भारत ने फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ जीत हासिल की और कपिल देव के बाद दूसरे भारतीय कप्तान बने, जिन्होंने किसी भी रूप में विश्वकप क्रिकेट जीता। साल 2007 में महेंद्र सिंह धोनी को भारत सरकार ने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से भी सम्मानित किया।
इसके बाद धोनी अपनी बचपन की दोस्त साक्षी के साथ 4 जुलाई 2010 को देहरादून के एक फार्महाउस में शादी के बंधन में बंधे।
2011 में धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद क्रिकेट विश्व कप जीता, उसके बाद धोनी ने वर्ष 2013 में भारत को ICC चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता भी बनाया।
महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान है जिसने अपनी कप्तानी में भारत को क्रिकेट के हर फॉर्मेट में चैंपियन बनाया है।
धोनी को साल 2009 में पद्म श्री और 2018 में पद्म भूषण से भी नवाजा गया। कपिल देव के बाद धोनी ऐसे दूसरे खिलाड़ी हैं जिन्हे इंडियन आर्मी का भी सम्मान पद मिल चुका है।
धोनी ने आईपीएल में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए चेन्नई को 3 बार चैंपियन बनाया है।