‘शिंदे ने मुख्यमंत्री पद पाया, फडणवीस के जीवन में भूकंप आया!’ शिवसेना का हमला……

शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के जरिए एक बार फिर बीजेपी (BJP) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) पर हमला किया है. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मुख्यमंत्री पद पाया, देवेंद्र फडणवीस के जीवन में भूकंप आया और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने यही कमाया. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और उनके मंत्रिमंडल में देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करना पड़ा यही असली भूकंप है. फडणवीस फिर आए लेकिन वे इस तरह से ‘आधे’ आएंगे, ऐसा किसी को नहीं लगा था! अब राज्य में क्या होगा?

सामना में कहा गया है कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और इस वजह से महाराष्ट्र में एक पर्व समाप्त हो गया. कुल मिलाकर ढाई सालों का ही यह कालखंड था, लेकिन बुधवार की रात मुख्यमंत्री पद और विधायक के पद से इस्तीफा देकर वे मुक्त हो गए. 5 साल के लिए स्थापित हुई महाविकास आघाड़ी की सरकार ढाई वर्षों में गिर गई, ऐसा कांग्रेस या राष्ट्रवादी कांग्रेस के कारण नहीं हुआ. उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा देते समय कहा कि मेरे ही लोगों ने धोखा दिया.

कुल कितने विधायक?

एकनाथ शिंदे के साथ कितने विधायक हैं ये छोड़ दें, लेकिन ये सभी विधायक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में विजयी हुए और उन्होंने ही उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की। दलबदल विरोधी कानून के तहत उनके विधायक का पद जा सकता है लेकिन महाराष्ट्र के राज्यपाल और सर्वोच्च न्यायालय ने दल बदलनेवालों को बल प्रदान किया. अगर किसी को पार्टी बदलनी होगी तो उसे जनता की नजरों के सामने बदलना चाहिए. उसमें जनता को मुंह दिखाने की हिम्मत होनी चाहिए. दल बदलने की वजह से अयोग्य ठहराए जाने की आशंका वाले विधायकों ने महाराष्ट्र का राजनीतिक भविष्य तय किया और राज्यपाल महोदय ने इस संविधान से परे कृत्य के ‘पेड़े’ खाए!

किसका हिंदुत्व!

दीपक केसरकर शिंदे गुट के प्रवक्ता हैं. उनमें अचानक हिंदुत्व और बीजेपी के प्रति आत्मीयता उमड़ आई. ये समझने जैसी बात है. लेकिन केसरकर जिस सावंतवाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से 2019 में निर्वाचित हुए थे, वहां बीजेपी के साथ युति होने के बावजूद केसरकर के खिलाफ राजन तेली नामक बागी को बीजेपी ने खड़ा किया था और उसके प्रचार के लिए गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत खुद आए. चुनाव में शिवसेना के 30 उम्मीदवार बीजेपी समर्थित बागियों की वजह से पराजित हो गए. शिवसेना के विधायकों की संख्या कम हो और मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना का दावा कमजोर हो इसके लिए यह खेल किया गया. शिंदे गुट में आज शामिल करीब 17 विधायकों को बीजेपी ने आज सीधे गिराने का प्रयास किया यह सत्य है. दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा मतलब 40 विधायकों ने निश्चित तौर पर किस वजह से पार्टी छोड़ी? उन्होंने व उनके प्रवक्ता ने लगातार अलग-अलग कारण बताए.

Share
Now