रिपोर्ट अबरार रहमान त्यागी
विश्व इस्लामिक प्रसिद्ध संस्था दारुल उलूम देवबंद के शेखुल हदीस मौलाना मुफ्ती सईद साहब पालनपुरी का आज (मंगलवार) सुबह इंतकाल हो गया। वह 78 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार चल रहे थे। और उनका मुंबई में इलाज चल रहा था,
और आज 25 रमजान की सुबह अंतिम सांस ली मुफ्ती साहब की पैदाइश (गुजरात ) पालनपुर के गांव कालेड़ा 1940 में हुई, आपके वालिद का नाम मोहम्मद यूसुफ था,कालेड़ा गांव से ही इब्तिदाइ तालीम की शुरुआत की, उसके बाद उच्च शिक्षा लिए गुजरात पालनपुर के एक मदरसे में दाखिला लिया फिर वहां से सहारनपुर के मदरसा मजा़हिर ऊल उलूम में आला तालीम के लिए दाखिला लिया,
फिर वहां से दारुल उलूम देवबंद में दाखिला लिया दारुल उलूम देवबंद से 1965 मैं तालीम मुकम्मल करने के बाद गुजरात के एक मदरसे में टीचर बने और वहां 10 साल तक पढ़ाया, उसके बाद 1975 दारुल उलूम देवबंद में उस्ताद बनने का मौका मिला,
और फिर मुसलसल दारुल उलूम देवबंद में ही पढ़ाते रहेे और मुफ्ती साहब की शिक्षा के बच्चे मुरीद हो गए फिर 2008 में दारुल उलूम देवबंद के शेख उल हदीस शेख नसीर खान साहब के बाद आपको दारुल उलूम देवबंद का शेख उल हदीस मुकर्रर किया गया,
और यह सिलसिला वफात तक चलता रहा,आप दारुल उलूम देवबंद के सबसे बड़े उस्ताद थे, आप हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर में हदीस का पाठ पढ़ाने में अलग महारत रखते थे और आपकी हदीस पढ़ाने की चर्चा पूरी दुनिया भर में होती थी,
आपके स्टूडेंट हिंदुस्तान ही में नहीं बल्कि दुनिया भर में हजारों लाखों की तादाद में मौजूद हैं, आपने बहुत सी किताबें भी लिखी जिनको भी काफी शोहरत मिली, आपने अपनी पूरी जिंदगी शिक्षा का पाठ पढ़ाने में ही गुजारदी, उनके इंतकाल की खबर मिलते ही जहां इलमी व अदबी हलकों में गम की लहर दौड़ गई वहीं उनके हजारों शिष्यों में भी सन्नाटा पसर गया ।
मिली जानकारी के मुताबिक आप का इंतकाल मुंबई में हुआ और वहीं मुंबई के एक कब्रिस्तान में आपको दफनाया जाएगा यह जानकारी मुफ्ती साहब के बेटे ने दी,