संजीव कुमार सिंह का बयान अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को पुलिस …..

पुलिस हिरासत में मारे गए अरुण वाल्मीकि के लिए न्याय मांगना अपराध हैं ? : संजीव कुमार सिंह

झूठ यातो सफ़ेद होता हैं, या सच के रंग में रंगा फ़रेब होता हैं : संजीव कुमार सिंह

आगरा। राष्ट्रीय नेता, इंडियन नेशनल कांग्रेस एआईसीसी पर्यवेक्षक प्रभारी, बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, सदस्य इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट्स सचिव, कांग्रेस किसान एवं औद्योगिक प्रकोष्ठ, कानूनी सलाहकार सदस्य, चुनाव प्रचार समिति बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल और आसाम एवं लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री पद के दावेदार ठाकुर संजीव कुमार सिंह ने कहा कि ताज़नगरी जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के काफिले को आगरा एक्सप्रेस वे के एंट्री पॉइंट पर रोक लिया गया। प्रियंका आगरा जाने के लिए अड़ी हैं। वह वहां पुलिस कस्टडी में मारे गए व्यक्ति के परिजनों से मिलने जा रही हैं। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है और पुलिस लाइन लेकर जा रही है। इस पर जानकारी देते हुए प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया कि अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा है। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि जयंती है, पीएम ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें की, लेकिन उनके संदेशों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या आगरा में पुलिस हिरासत में मारे गए अरुण वाल्मीकि के लिए न्याय मांगना अपराध है? भाजपा सरकार की पुलिस मुझे आगरा जाने से क्यों रोक रही है। क्यों हर बार न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है? मैं पीछे नहीं हटूंगी। इसके पहले उन्होंने कहा था कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है। भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले।

श्री सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए युवक की मंगलवार रात को मौत हो गई। पुलिस उससे चोरी की गई रकम की बरामदगी के प्रयास में लगी हुई थी। अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। युवक सफाई कर्मी था। घटना के बाद से पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। बवाल की आशंका के मद्देनजर थाने पर फोर्स तैनात कर दी गई है। थाने के मालखाने में चोरी के मामले में हिरासत में हुई अरुण की मौत के बाद परिजन सामने आए हैं। उनका कहना है कि अरुण को पूछताछ के लिए पुलिस रात को 3:30 बजे घर लेकर आई थी। इस दौरान ही उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। भाई सोनू ने पुलिस प्रशासन से दो करोड़ रुपये और मृतक आश्रित को नौकरी देने की मांग की है। घटना के बाद से आगरा के साथ ही अन्य जिले के अधिकारी भी वाल्मीकि समाज के पदाधिकारियों और अन्य लोगों से बातचीत में जुटे हैं। थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए अरुण की मौत के बाद पुलिसकर्मियों पर गाज गिर गई। एडीजी आगरा जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। इनमें एक निरीक्षक आनंद शाही और थाना जगदीशपुरा का चार्ज संभाल रहे एसएसआई शामिल हैं। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करते हुए विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। हत्या का मुकदमा पहले ही अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज किया जा चुका है। मृतक अरुण का पोस्टमार्टम दोपहर में पूरा हो गया। तीन चिकित्सकों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। प्रशासन ने पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई है। एसएसपी और डीएम को चिकित्सकों द्वारा किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। मां बोली, पुलिस वालों के खोल रहा था नाम, इसलिए मार दिया बेटा। थाना जगदीशपुरा में चोरी के मामले में पकड़े गए अरुण कुमार की हिरासत में मौत के मामले के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मां कमला देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और उनकी पिटाई लगाई। अरुण कुछ पुलिस वालों के नाम बता रहा था। नाम उजागर न हो जाएं, इसलिए उसे मार दिया। मुझे इंसाफ चाहिए जिसने उसे मारा है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मृतक की पत्नी सोनम ने भी कहा है कि पुलिस ने उसकी पिटाई लगाई। उनसे पैसा लाने को दबाव बना रहे थे। महिला पुलिस कर्मियों के साथ पुरुष पुलिस कर्मियों ने भी पिटाई लगाई। बता दें कि थाना जगदीशपुरा के मालखाने से शनिवार रात को चोरी हुई थी। पीछे के दरवाजे से घुसा चोर बक्से का ताला तोड़ 25 लाख रुपये चोरी करके ले गया था। रविवार की सुबह घटना की जानकारी हुई थी। एसएसपी मुनिराज जी. और एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने थाना का निरीक्षण किया था। घटना की जानकारी ली थी। पुलिस टीम को घटना के खुलासे के लिए लगाया था। लापरवाही बरतने के आरोप में निरीक्षक अनूप कुमार तिवारी, मालखाना प्रभारी हेड मोहर्रिर प्रताप भान सिंह सहित छह को निलंबित किया गया था। मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

इस संदर्भ में एसएसपी मुनिराज जी ने बताया कि थाना के मालखाना में नकबजनी हुई थी जिसमें 25 लाख रुपया चोरी हुआ था। मंगलवार को पुलिस ने अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। उसने घटना को कबूला था। 15 लाख रुपया घर से रिकवरी किया था। इसी दौरान उसकी घर में तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद पुलिस और अरुण के परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने एफआईआर का प्रार्थनापत्र दिया था। जिसके आधार पर अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

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