नई दिल्लीः केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि रेलवे देश के किसी भी जिले से श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने के लिये तैयार है।
उन्होंने जिला कलेक्टरों से कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते उनके क्षेत्रों में फंसे प्रवासी कामगारों की सूची तैयार करने के लिये कहा है। गोयल ने कहा कि जिला कलेक्टरों को राज्य के नोडल अधिकारियों के साथ-साथ रेलवे द्वारा चयनित नोडल अधिकारियों के साथ तालमेल बनाना होगा।
रेल मंत्री ने कहा, ”प्रवासी कामगारों को राहत मुहैया कराने के लिये भारतीय रेलवे देश के किसी भी जिले से श्रमिक विशेष ट्रेनें चलाने के लिये तैयार है। जिला कलेक्टरों को फंसे हुए श्रमिकों और उनके गंतव्यों की सूची बनाकर राज्य के नोडल अधिकारी के जरिये आवेदन करना होगा।” उन्होंने लिखा, ”इसके अलावा जिला कलेक्टरों को रेलवे के राज्य नोडल अधिकारियों को श्रमिकों और गंतव्यों की सूची देनी होगी।” गोयल बीते कुछ दिनों से राज्य सरकारों से प्रवासियों को उनके घर ले जाने वाली ट्रेनों को मंजूरी देने की अपील कर रहे हैं। यह अपील विशेषकर झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से की गई है।
इससे पहले भारतीय रेलवे ने की ओर से बताया गया कि एक मई से अब तक 1,074 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया। इनसे लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे 14 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया गया है।
अब तक अपने गंतव्यों तक पहुंची गाड़ियों में से अधिकतम 387 ट्रेनें उत्तर प्रदेश गई हैं। उत्तर प्रदेश ने 526 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है, उसके बाद बिहार ने 269 और मध्य प्रदेश ने 81 ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है। झारखंड ने 50, ओडिशा ने 52, राजस्थान ने 23 और पश्चिम बंगाल ने नौ ट्रेनों के लिए मंजूरी दी है।
गोयल ने पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों से अधिक ट्रेनों को मंजूरी देने की अपील की थी। रेलवे ने कहा कि ट्रेनों में सवार होने से पहले यात्रियों की समुचित जांच की जा रही है। यात्रा के दौरान यात्रियों को नि:शुल्क भोजन और पानी दिया जाता है। इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 1,200 की जगह अब 1,700 यात्रियों को ले जाया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा सके।