राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तल्खी फिर सामने आई।
पायलट शुक्रवार को खुलकर अपनी ही सरकार के निर्णय के खिलाफ बोले। ..
जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच तल्खी एक बार फिर सामने आई। पायलट शुक्रवार को खुलकर अपनी ही सरकार के निर्णय के खिलाफ बोले।
उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की जानकारी के बिना निर्णय लिए जा रहे हैं। स्थानीय निकायों के महापौर एवं सभापतियों के चुनाव को लेकर सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसकी न तो मंत्रिमंडल में चर्चा हुई और न ही कांग्रेस विधायक दल में विचार-विमर्श किया गया। कांग्रेस संगठन को भी इस बारे में नहीं बताया गया।
बैकडोर एंट्री बढ़ेगी
पायलट ने साफ कहा कि मैं सरकार के उक्त निर्णय से सहमत नहीं हूं। इससे बैकडोर एंट्री बढ़ेगी । पायलट ने कहा कि गैर पार्षदों को महापौर एवं सभापति बनाने का निर्णय गलत है। इससे कार्यकर्ता नाराज है ।
यह एक विभाग ने निर्णय लिया है, सबकी सहमति नहीं है। पायलट के इस बयान के बाद कांग्रेस में जयपुर से दिल्ली तक हलचल मच गई। पायलट ने अपनी नाराजगी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे सहित दिल्ली के अन्य नेताओं तक पहुंचा दी है।
इस मामले को लेकर वह सोनिया से मिल सकते हैं। दरअसल, अशोक गहलोत सरकार ने कुछ दिन पहले ही तय किया था कि नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में महापौर और सभापति का चुनाव प्रत्यक्ष न होकर अप्रत्यक्ष होगा अर्थात पार्षद चुनेंगे ।