Rajasthan: देर रात तक चली कैबिनेट बैठक- बहुमत साबित करने पर अड़े गहलोत….

  • राजस्थान में जारी सियासी लड़ाई राजभवन पहुंच गई है।
  • दरअसल राज्यपाल विधानसभा सत्र नहीं बुला रहे हैं,
  • जबकि सीएम अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायक इसकी मांग पर अड़े हैं

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आधी रात को कैबिनेट की बैठक बुलाई और विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल कलराज मिश्रा की तरफ से उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर साढ़े 9 बजे शुरू हुई जो करीब ढाई घंटे तक चली।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया, “कैबिनेट बैठक के दौरान चर्चा राज्यपाल की तरफ से विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर की गई।इससे पहले, राज्यपाल ने राज्य की गहलोत सरकार से फ्लोर टेस्ट के लिए विधान सत्र बुलाने के कारण समेत छह बिंदुओं पर जवाब मांगा था। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट नोट को आज राज्यपाल कलराज मिश्रा को भेजा जा सकता है। 

पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट समेत 19 पार्टी विधायकों के बागी होने के बाद अशोक गहलोत की नेतृत्व वाली राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर संकट गहरा गया है। गहलोत विधानसभा का सत्र बुलाकर सदन में अपना बहुमत साबित करना चाहते हैं,इससे पहले, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्रा पर बरसते हुए कहा था कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को चिट्ठी भेजी गई, लेकिन उन्होंने इस पर कोई फैसला नहीं है।

विधानसभा सत्र की मांग पर राजभवन का जवाब

23 जुलाई को राज्य सरकार ने शॉर्ट नोटिस पर विधानसभा सत्र बुलाने का मांग पत्र हमें सौंपा। कानूनी जानकार इस पर विचार कर रहे थे। इस पेपर पर ना तो यह तारीख बताई गई थी कि सत्र किस तारीख को बुलाया जाना है और ना ही इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। शॉर्ट नोटिस पर सत्र बुलाने का कोई कारण या एजेंडा भी नहीं बताया गया। जबकि, सामान्य प्रक्रिया के तहत सत्र बुलाए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस जरूरी होता है।

उम्मीद है राज्यपाल दबाव में नहीं आएंगे- गहलोत
शुक्रवार दोपहर को राजभवन पहुंचने से पहले गहलोत ने कहा था कि विधानसभा सत्र बुलाने पर राज्यपाल अपनी अंतरआत्मा से फैसला करें। वरना राजभवन को घेरने के लिए अगर जनता आ गई, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।

उन्होंने कहा- हमें उम्मीद थी कि रात को आदेश जारी कर देंगे। अब तक इंतजार किया, लेकिन जवाब नहीं आया है। यह बात समझ से परे है, क्योंकि गवर्नर साहब को मानना ही पड़ता है। अनुरोध को रोकने का कोई कारण नहीं है। ऊपर से दबाव के चलते तो वे ऐसा नहीं कर रहे हैं?

शाम को भी गहलोत बोले कि उन्हें उम्मीद है राज्यपाल दबाव में नहीं आएंगे और अपना कर्तव्य निभाएंगे। राजस्थान में उल्टी गंगा बह रही है। यहां सत्ता पक्ष सत्र की मांग कर रहा है, लेकिन उसकी मंजूरी ना दिए जाना समझ से परे है।

गहलोत ने कहा- सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं

  • मुख्यमंत्री ने कहा- राजस्थान में परंपरा नहीं रही है सरकार गिराने की। हमने टेलीफोन से भी राज्यपाल से बात की। हम सोमवार से सत्र बुलाना चाहते हैं। पूरा देश देखेगा। प्रदेश देखेगा कि किस तरह का दबाव पड़ रहा है। किन कारणों से सत्र नहीं बुला रहे हैं। मैं बार-बार कह रहा हूं कि मेरे पास बहुमत है। हमारे कुछ लोगों को बीजेपी के लोगों ने बंधक बनाकर रखा है, वे हमारे साथी हैं। वे रो रहे हैं। टेलीफोन कर रहे हैं कि हमें यहां से छुड़ाओ।
  • उन्होंने कहा- यह पूरा खेल है। साजिश है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश के बाद वे राजस्थान में यही करना चाहते हैं। जनता हमारे साथ है। इनकम टैक्स, ईडी के सीबीआई के छापे डाले जा रहे हैं। ऐसे नंगा नाच कभी देखा नहीं है देश के अंदर।
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