देहरादून/काशीपुर/रुद्रपुर,
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को उत्तराखंड के देहरादून, काशीपुर, रुद्रपुर और उत्तर प्रदेश के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई बहुचर्चित NH-74 सड़क चौड़ीकरण घोटाले से जुड़ी है, जिसमें भूमि अधिग्रहण में भारी गड़बड़ी और सरकारी धन की हेराफेरी के आरोप लगे हैं।
ईडी ने सात स्थानों पर रेड की, जिनमें एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह के ठिकाने प्रमुख रहे। सिंह पर आरोप है कि उन्होंने कृषि भूमि को गलत तरीके से गैर-कृषि घोषित कर करोड़ों रुपये के मुआवजे बांटे, जिससे सरकार को लगभग ₹162 करोड़ का नुकसान हुआ।
विपक्ष का सरकार पर तीखा हमला
ईडी की कार्रवाई के बाद मामला अब राजनीतिक तूल पकड़ता जा रहा है।
जन अधिकार जनशक्ति पार्टी की प्रवक्ता हेमा भंडारी ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा:
“पूरा दिन अधिकारी के घर ईडी की रेड चलती रही, और अब तक उसे सस्पेंड तक नहीं किया गया! सरकार की चुप्पी खुद में सवाल है।”
वहीं, कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर तंज कसते हुए कहा कि:
“इस मामले ने सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ दावों की पोल खोल दी है। अब देखना होगा कि यह कार्रवाई किसी नतीजे तक पहुंचती है या नहीं।”
आगे की कार्रवाई पर सबकी निगाहें
अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस घोटाले को लेकर आगे क्या रुख अपनाती है। क्या आरोपी अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी या मामला सिर्फ ईडी की फाइलों में दब कर रह जाएगा?