- मैं आज माटी में मिल रही हूं…. मां अगर मुझे एंबुलेंस में ऑक्सीजन मिलती रहती कि मैं डॉक्टरों तक पहुंच जाती तो मैं भी आपके आंचल में खेलती रहती,
- एंबुलेंस में 14 किलो ऑक्सीजन होती है जो 200 किलोमीटर चलती है, 35 किलोमीटर बाद ही खत्म हो गई
- गुना से हार्ट की समस्या पर बच्ची को ग्वालियर रेफर किया गया था पर चालक शिवपुरी में छोड़कर भागा
- मासूम की मौत का जिम्मेदार कोन ????
गुना. एंबुलेंस 108 से रेफर की गई बच्ची की ग्वालियर पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। उसे निमोनिया और हार्ट में समस्या से उच्च उपचार के लिए जिला अस्पताल से मंगलवार शाम को ग्वालियर रेफर किया गया था।
लेकिन गुना से म्याना के 35 किमी के सफर में एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म हो गई, जब तक दूसरी गाड़ी आई बच्ची ने तड़प-तड़प कर अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। असंवेदनशीलता की हद तो तब हो गई तब शव को ही आक्सीजन लगाकर ड्राइवर शिवपुरी ले गया।
परिजनों ने कहा कि बच्ची की मौत हो चुकी है, तो इस पूरे मामले को दबाने के लिए गाड़ी को लेकर ड्राइवर सीधा शिवपुरी पहुंचा।
मृतक बच्ची के पिता का कहना है कि शिवपुरी में हम अपनी 2 माह की बेटी के शव को लेकर इधर-उधर भटकते रहे, लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की। हमें वापस गुना आने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया।
मजबूरन प्राइवेट गाड़ी की तब घर लौटे, इसका किराया भी कर्ज लेकर चुकाया है। सीएमएचओ पी बुनकर का कहना है कि फरियादी के कथन लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रेफर करने के 5 घंटे बाद मिली थी एंबुलेंस
आरोन के गुलाबगंज निवासी अनिल वंशकार की दो माह की बेटी कनक की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। इस वजह से परिजन उसे सोमवार को जिला अस्पताल लेकर आए, जहां उसको रात में भर्ती किया गया।
जांच के दौरान शिशु रोग विशेषज्ञ ने बच्ची को निमोनिया और हार्ट में समस्या बताई, मंगलवार दोपहर उसे 1 बजे ग्वालियर रेफर किया गया था पर एंबुलेंस शाम 6 बजे आई।
व्यवस्था पर सवाल: 1 एंबुलेंस में 14 किलो ऑक्सीजन होती है जो 200 किमी तक चलती फिर ये खत्म कैसे हो गई
बच्ची को जिस एंबुलेंस 108 से ग्वालियर लेकर जा रहे थे, म्याना निकलने के बाद ही इसकी ऑक्सीजन खत्म हो गई। अब सवाल ये हैं कि 1 एंबुलेंस में 14 किलो आक्सीजन होती है तो 200 किमी तक चलती फिर ये खत्म कैसे हो गई।
इंचार्ज ने कहा-तकनीकी खराबी आई
इस मामले में जब जिगित्सा हेल्थ केयर के समन्वयक गिर्रराज तोमर का कहना है कि ऑक्सीजन कैसे खत्म हो गई? कौन जिम्मेदार है तो उन्होंने अपने स्टाफ का बचाव करते हुए कहा गाड़ी में तकनीकी खराबी आ गई थी। जब उसने पूछा कि क्या खराबी थी तो वह जवाब नहीं दे पाए।
माता-पिता को किराए का वाहन लेकर आना पड़ा
बच्ची के पिता अनिल वंशकार का कहना है कि उनकी दो माह की बेटी म्याना के पास ही ऑक्सीजन न मिलने से खत्म हो चुकी थी। लेकिन हमें जबरन ड्राइवर शिवपुरी तक ले गया। वापस गुना आने के लिए शिवपुरी में भी कई लोगों के हाथ जोड़े, पैर पकड़े।
लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। एक प्राइवेट वाहन चालक ने 5 हजार मांगे, लेकिन हमारी स्थिति देखकर वह 3 हजार रुपए में छोड़ने के लिए राजी हुआ। तब जाकर मंगलवार रात गुना पहुंचे।
असंवेदनशील: शव को लगा दी ऑक्सीजन
एंबुलेंस के स्टाफ ने देखा कि बच्ची के परिजन गुस्से में हैं तो उन्हें दिलासा दिया और कहा कि कुछ नहीं हुआ है अभी सांस चल रही हैं। इसके बाद शव को ही ऑक्सीजन लगा दी और सीधे शिवपुरी जिला अस्पताल पहुंचा।
वहां डॉक्टरों ने उसके मौत की पुष्टि की। परिजन यह सुनकर रोने लगे और ड्राइवर से कहा कि हमें वापस गुना ले चलों, तो बोला नियम में नहीं है। शिवपुरी में उन्हें छोड़कर एंबुलेंस गुना आ गई।