प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई सवालों के घेरे में लोगों में रोष!आसपा प्रदेश अध्यक्ष बोले सिर्फ एक ही रंग नजर …..

हरिद्वार। शनिवार को सैकड़ो वर्षो पुरानी वक्फ बोर्ड मे दर्ज़ मज़ार को वादे से मुकरते हुए हटाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। अब लोग जिला प्रशासन पर एक तरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए सोशल मिडिया पर अवैध मंदिरो व चौराहे पर लगी अवैध धार्मिक मूर्तियों की तस्वीरें शेयर कर उन्हें हटाने की मांग कर रहे है। वही, आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने भी ज्वालापुर मे सार्वजनिक चौराहे पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर जिला प्रशासन पर तंज कसा है।
गौरतलब है कि ज्वालापुर मे सैकड़ो वर्षो पुरानी वक्फ बोर्ड मे दर्ज़ चंदन वाले बाबा की मज़ार को जिला प्रशासन द्वारा बेहद हीं जल्दबाजी में हटा दिया गया। जबकि जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल से एक सप्ताह का वादा करते हुए उन्हें अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था और मामला माननीय हाईकोर्ट मे भी लंबित था। लेकिन हाईकोर्ट के निर्णय की चिंता न करते हुए एसडीएम पूरन सिंह राणा के नेतृत्व में जिला प्रशासन द्वारा मजार को हटा दिया गया। जिसके बाद से मुस्लिम समुदाय के लोगो मे रोष बना हुआ है। वह सोशल मिडिया पर लगातार जिला प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे है और ज्वालापुर मेन रोड रेल चौकी के सामने सार्वजनिक चौराहे पर निर्मित भगवान राम की प्रतिमा, सार्वजनिक चौराहे पर माँ दुर्गा की प्रतिमा, ज्वालापुर नहर पटरी पर शनिदेव के मंदिर, भेल शिवालिक नगर चौक के पास सीआईएसफ के बराबर मे बने मंदिर, जवालापुर लाल पुल के पास बने मंदिर व ज्वालापुर मे सार्वजनिक जगहों पर निर्मित कई अवैध मंदिरो को हटाने की मांग कर रहे है।
वही, आजाद समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महक सिंह ने भी पोस्ट कर लिखा है कि:-
“हरिद्वार में मजारों को सरकारी भूमि का हवाला देते हुए कोर्ट के आदेश पर आपने अवेध बताते हुए तोड़ दिया। हम सह सम्मान कोर्ट के आदेश का पालन करते है। पर मेरा प्रशासन से एक सवाल है जिस भूमि पर अवेध रूप से हरिद्वार में मंदिर बने है ये भूमि सरकारी है या इनकी निजी संपत्ति है।”