उत्तराखण्ड मे शिक्षकों की नियुक्ति को ले कर नही चलेगी अधिकारियों की मनमानी……

उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने अधिकारियों को अशासकीय स्कूलों में चयन आयोग के माध्यम से ही शिक्षकों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लोक सेवा आयोग या फिर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती की जाती है, लेकिन अशासकीय स्कूलों में स्कूल प्रबंधन की ओर से शिक्षकों एवं कर्मचारियों की नियुक्तियां की जाती हैं, लेकिन इनमें स्कूल प्रबंधकों की ओर से अपने परिचितों को नियुक्ति देने और फर्जी एवं अमान्य प्रमाण पत्रों के आधार पर भी नियुक्त करने समेत तमाम तरह की गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रहती हैं।

एसआईटी ऐसे कुछ मामलों की जांच भी कर रही है। शिक्षा मंत्री ने बताया कि इन स्कूलों में होने वालीं नियुक्तियों में पूरी तरह से पारदर्शिता हो इसके लिए चयन आयोग के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती के निर्देश दिए गए हैं। इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के लिए कहा है।

एक ही परिसर में चल रहे स्कूलों का होगा विलय:

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा विभाग की बैठक में अधिकारियों को एक ही परिसर में चल रहे स्कूलों का विलय किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने योग्यताधारी शिक्षा मित्रों का समायोजन करने, शिक्षक भर्ती में उन्हें 25 अंकों की वरीयता दिए जाने, अटल उत्कृष्ट स्कूलों की सीबीएसई से संबद्धता, प्रधानाचार्य एवं प्रधानाध्यापकों के खाली पदों को भरने, गेस्ट टीचरों का मानदेय बढ़ाने के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, निदेशक सीमा जौनसारी आदि मौजूद रहे।

कैडर तय किए बिना स्कूलों के विलय का विरोध 
कैडर तय किए बिना एक ही परिसर में चल रहे स्कूलों का विलय किए जाने का जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ ने विरोध किया है। शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विनोद थापा, महामंत्री राजेंद्र प्रसाद बहुगुणा एवं कोषाध्यक्ष सतीश घिल्डियाल ने कहा कि बिना सेवा शर्तों को तय किए सरकार की ओर से इस तरह का निर्णय लिया जाना ठीक नहीं है।  संगठन की सहमति के बिना इस तरह के फैसले के विरोध में आंदोलन किया जाएगा।  उन्होंने कहा कि जूनियर हाईस्कूलों को शिक्षकों के पांच पदों के साथ अलग से चलाया जाए।

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