गोडसे वादी विचारधारा का प्रतीक है यह शासनादेश सुजाता पॉल कांग्रेस
संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत है यह शासनादेश वापस होना चाहिए आजाद अली प्रदेश उपाध्यक्ष आप
उत्तराखंड सरकार ने भी आज एक शासन आदेश जारी किया है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को RSS की शाखाओं में और उनके कार्यकर्मों में जाने की अनुमति दी गई है
जारी शासन आदेश में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी RSS की शाखा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभा कर सकते हैं
इस शासनादेश के जारी होने पर विवाद बढ़ने की संभावना है क्योंकि आरएसएस को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठाते रहते हैं जैसा कि आपको याद होगा कि आरएसएस पर सरदार वल्लभभाई पटेल ने केंद्रीय गृह मंत्री रहते हुए प्रतिबंध भी लगाया था
उत्तराखंड सरकार के प्रमुख के सचिव आनंद वर्धन ने शासनादेश जारी करते हुए कहा है कि किसी राज्य के कर्मी द्वारा RSS की शाखा प्रातः कालीन अथवा सांयकालीन सभा अन्य सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग करना सेवा नियमावली का उल्लंघन नहीं माना जाएगा इस आदेश पर विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की कड़ी प्रतिक्रिया आई है कांग्रेस नेता सुजाता पाल ने कहा है कि गोडसे वादी संगठन के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों को इजाजत देना एक तरह से सरकार की मंशा को दर्शाता है सरकारी कर्मचारी जहां अपने काम को सही तरीके से नहीं कर पा रहे हैं वहीं ऐसे कार्यक्रम में जाकर उनकी सोच सांप्रदायिक बनने से नहीं बचेगी इसी मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश उपाध्यक्ष आजाद अली ने कहा की RSS के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों को जाने की इजाजत देना संविधान की मूल भावना के विपरीत है क्योंकि हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता पर टिका हुआ है और यह आरएसएस जैसे विवादित संगठन के कार्य कर्मों में सरकारी कर्मचारियों को भेज कर एक तरह से धर्म विशेष को संरक्षण देना है जो कि संविधान की मूल भावना के विपरीत है उन्होंने कहा कि इस शासन आदेश का नियम अनुसार विरोध किया जाएगा अब देखना यह है कि इस पर प्रदेश में लोगों की क्या प्रतिक्रिया आती है