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नीतीश कैबिनेट ने बढ़ाई जिलाधिकारी की शक्ति अब इस योजना के तहत एक करोड़ की राशि को दे सकेंगे मंजूरी…

नीतीश सरकार ने शहरी विकास योजना में बड़ा बदलाव किया है। अब जिलाधिकारी एक करोड़ तक की योजनाओं को मंजूरी दे सकेंगे। ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना में अब सड़कों की मरम्मत भी शामिल कर ली गई है। अब टैक्स डिफॉल्टर वाहनों के लिए अर्थदंड से छूट की योजना 31 मार्च 2025 तक लागू है।


बैठक में कुल 46 प्रस्ताव पास किए गए..

नीतीश सरकार ने शहरी विकास के लिए मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना में जहां वित्तीय शक्तियों का डिवीजन भी किया है वहीं योजनाओं के निर्धारण के लिए नए सिरे से कमेटी का गठन भी किया गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृत दे दी गई। बैठक में कुल 46 प्रस्ताव पास किए गए,मंत्रिमंडल ठीक बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने बताया कि शहरों के विकास के लिए मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत जहां जिलाधिकारी एक करोड़ रुपये तक की विकास योजना को स्वीकृति प्रदान कर सकेंगे। वहीं प्रमंडलीय आयुक्त एक करोड़ के ऊपर और ढ़ाई करोड़ रुपये तक की योजना स्वीकृत करेंगे,

उस क्षेत्र के स्थानीय विधायक और विधान पार्षद इसके सदस्य होंगे। जिलाधिकारी उस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे….

बताते चले,अब कमेटी की अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे। इसके साथ ही उस क्षेत्र के स्थानीय विधायक और विधान पार्षद इसके सदस्य होंगे। जिलाधिकारी उस कमेटी के सदस्य सचिव होंगे। अन्य सदस्यों में जिला के एसपी, नगरपालिका के नगर आयुक्त या कार्यपालक पदाधिकारी, बुडको (बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप कॉरपोरेशन) के कार्यपालक अभियंता भी इसके सदस्य होंगे, इसके लिए वर्तमान प्रविधनों में संशोधन का प्रस्ताव मंत्रिमंडल ने स्वीकृत किया है। योजना के तहत अभी तक ग्रामीण सड़कों के नियमित एवं व्यवस्थित पुनर्निर्माण, और नवीनीकरण का ही प्रविधान था। संशोधन के बाद इसमें ग्रामीण सड़कों की मरम्मत की योजना भी की गई है। बता दें कि राज्य में अभी 10 हजार किलोमीटर ग्रामीण पथों के पुनर्निर्माण व उन्नयन योजना पर मरम्मत का कार्य हो रहा है। रिपोर्ट:-अमित कुमार सिन्हा

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