बढ़ते रेप के मामले: सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक कारण

Increasing Rape Cases: An Alarming Trend

Until society as a whole starts taking responsibility—starting from our homes to our media—the issue of rising rape cases will continue to haunt us.

भारत में रेप के मामले चिंताजनक दर से बढ़ रहे हैं, और इसके पीछे कई सामाजिक, सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक कारण हैं। हाल ही में प्रसिद्ध ज्योतिषी और समग्र उपचार विशेषज्ञ, डॉ. अनुप्रिया पंत ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए।

रिपोर्टर: “डॉ. अनुप्रिया, रेप के मामलों में इतनी वृद्धि क्यों हो रही है? इसके पीछे के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं?”

डॉ. अनुप्रिया पंत: “यदि आज रेप के मामलों में वृद्धि हो रही है, तो मेरे विचार से इसका एक मुख्य कारण बॉलीवुड में दिखाई जाने वाली अश्लीलता है। आजकल की फिल्मों और वेब सीरीज में जो अश्लील दृश्य दिखाए जाते हैं, वे समाज की मानसिकता को प्रभावित कर रहे हैं और नफरत के बीज बोने का काम कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे बताया, “आज माता-पिता अपनी बेटियों को किसी भी तरह से प्रसिद्ध करना चाहते हैं और इस चक्कर में कई बार सोच-समझकर फैसले नहीं लेते। उन्हें लगता है कि अगर उनकी बेटी ग्लैमरस दिखेगी, तो वह जल्दी सफल हो जाएगी।”

आधुनिक परिधान और संस्कृति का प्रभाव

आधुनिक परिधान के संदर्भ में उन्होंने कहा, “आधुनिक दिखने के नाम पर अश्लील कपड़े पहनना भी एक कारण हो सकता है। मैं यह नहीं कह रही कि छोटे कपड़े या देर रात तक बाहर रहना रेप का मुख्य कारण है, लेकिन अश्लीलता और अतिरंजित प्रदर्शन समाज पर प्रभाव डालते हैं। सब लोग एक जैसे नहीं होते, लेकिन ‘एक मछली तालाब को गंदा कर देती है’, यह समझना जरूरी है।”

सांस्कृतिक अलगाव और पालन-पोषण की समस्याएं

डॉ. अनुप्रिया ने माता-पिता की परवरिश में नैतिक आधार की कमी पर भी जोर दिया। “कई माता-पिता कहते हैं, ‘बेटा, गर्लफ्रेंड बनाओ, घुमाओ, बस लड़की प्रेग्नेंट नहीं होनी चाहिए।’ इस तरह का मानसिकता बच्चों को सही-गलत का भेद समझाने के बजाय, उनकी इच्छाओं को अनियंत्रित करने का काम करती है। जब वे बॉलीवुड और सोशल मीडिया में दिखाए गए अश्लीलता से प्रभावित होते हैं, तो अपनी इच्छाओं को गलत दिशा में पूरा करते हैं।”

रिपोर्टर: “तो आप यह कहना चाहती हैं कि छोटे कपड़े मुख्य कारण नहीं हैं, लेकिन समस्या का एक हिस्सा हो सकते हैं?”

डॉ. अनुप्रिया पंत: “जैसा कि मैंने पहले भी कहा, छोटे कपड़े या देर रात तक बाहर रहना रेप का कारण नहीं है। लेकिन अश्लीलता और अतिरंजित प्रदर्शन समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। हमारा संस्कृति हमें सम्मान, मर्यादा और शालीनता सिखाती है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन किसी भी धर्म की संस्कृति में अश्लीलता का कोई स्थान नहीं है। अगर हम अपनी संस्कृति से जुड़े रहें और अपने बच्चों को इसके महत्व को समझाएं, तो हम इस दिशा में एक अच्छा कदम उठा सकते हैं।”

आंकड़े और शोध डेटा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, भारत में 2022 में 32,000 से अधिक रेप के मामले दर्ज हुए, जो औसतन हर दिन 88 मामलों के बराबर है। इनमें से 90% से अधिक मामलों में अपराधी पीड़ितों के परिचित थे, जो विश्वास और सुरक्षा के संदर्भ में एक गंभीर तस्वीर प्रस्तुत करते हैं।

शोध से यह भी पता चलता है कि यौन सामग्री के सेवन और यौन हिंसा के बीच मजबूत संबंध है। एक अध्ययन में बताया गया कि मीडिया में यौन सामग्री के संपर्क में आने से लोगों में हिंसा और वस्तुकरण के प्रति संवेदनहीनता बढ़ती है, जिससे अपराधों का खतरा बढ़ता है।

आगे का रास्ता: सांस्कृतिक जागरूकता और शिक्षा

डॉ. अनुप्रिया पंत ने अंत में सांस्कृतिक जागरूकता और शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। “हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छा बनाना चाहते हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम अपने संस्कृति से जुड़कर, बच्चों को संस्कार और मर्यादा सिखाएं। हर लड़के और लड़की को सही-गलत का फर्क समझाने का समय आ चुका है। कानून में भी सख्ती और सुधार आवश्यक हैं, लेकिन सिर्फ क़ानूनी दंड या सख्त कानून से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। हमें अपने घर से शुरुआत करनी होगी।”

Share
Now