- लोजपा संसदीय दल की बैठक में बड़ा फैसला।
- लोजपा को नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर नहीं।
- पार्टी उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी जहां जदयू के प्रत्याशी होंगे।
- भाजपा के साथ कुछ सीटों पर हो सकती है फ्रेंडली फाइट।
बिहार चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी ने एनडीए से अलग होने का ऐलान किया है। जिसके बाद अब पार्टी अकेले दम पर बिहार चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने जदयू के साथ जारी वैचारिक मतभेद के चलते यह फैसला किया है। पार्टी नेता चिराग पासवान की अध्यक्षता में लोजपा की संसदीय समिति की बैठक दिल्ली में हुई। इसी बैठक में लोजपा ने अकेले दम पर बिहार चुनाव में उतरने का फैसला किया
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) की तारीखों की घोषणा और प्रथम चरण में 71 सीटों के लिए होने वाले मतदान की अधिसूचना जारी होने के बाद भी अब तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे को लेकर फंसा पेंच सुलझ नहीं पाया है। वहीं आज लोजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी ने अहम फैसला ले लिया गया है। लोजपा नीतीश के नेतृत्व में बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी।

लोजपा के राष्ट्रीय महासचिव अब्दुल खालिक के अनुसार, पार्टी वैचारिक मतभेदों के कारण जनता दल (यूनाइटेड) के साथ गठबंधन में आगामी बिहार चुनाव नहीं लड़ेगी, केवल भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर और लोकसभा चुनावों में, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ एक मजबूत गठबंधन साझा किया। लोजपा ने चुनाव के लिए बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट का नारा दिया है। वहीं बैठक ने भाजपा के साथ गठबंधन के पक्ष में एक प्रस्ताव पारित किया। साथ ही कहा कि पार्टी के विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मजबूत करने के लिए काम करेंगे।

बैठक में कोरोना के ऑपरेशन के कारण पशुपति पारस और कैसर वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से जुड़े। बता दें कि भाजपा पहले ही घोषणा कर चुकी है कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति पार्टी के उम्मीदवारों को अंतिम रूप देने के लिए रविवार शाम को बैठक कर रही है।