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मारी गई इंसानियत? कोरोना से हुई मौत तो पुलिस ने कचरा उठाने वाली गाड़ी में डलवा दिया शव….

बुंदेलखंड

कोविड काल में सैकड़ों लोग अपनी जान गवां चुके हैं। कई जगह तो कोरोना से मरने के बाद अपने ही शव को छोड़कर भाग गए। कई जगह तो इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना भी सुनने को मिली है। ऐसा ही एक मामला यूपी के बुंदेलखंड से सामने आया है। जहां एक व्यक्ति की मौत के बाद पहले तो उसका बेटा उसे छोड़कर भाग गया। रही-सही कसर पुलिस कर्मियों और पंचायत के कर्मचारियों ने पूरी कर दी। जानकारी के अनुसार बुंदेलखंड क्षेत्र के खरेला का रहने वाले व्यक्ति रामकरन की कोरोना से मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने जब इसकी जानकारी उसके बेटे को दी तो वह शव को अस्पताल में ही छोड़कर फरार हो गया। अस्पताल कर्मचारियों ने बेटे से फोन पर संपर्क किया लेकिन बेटे ने शव को ले जाने से इनकार कर दिया।

इसके बाद सूचना पुलिस को दी गई। पुलिसकर्मियों ने भी इंसानियत को शर्मसार करते हुए पंचायत कर्मियों को सूचना देकर कूड़ा उठाने वाली गाड़ी को बुला लिया। इसके बाद शव को कूड़ा उठाने वाली गाड़ी में डालकर अंतिम संस्कार करवाया। यह मामला क्षेत्र में काफी चर्चा का विषय बना है। 

कोरोना कर्फ्यू में छिना काम तो घर लौटे थे पिता-पुत्र


खरेला क्षेत्र के रहने वाले 48 वर्षीय रामकरन पुत्र मुन्नीलाल अपने बेटे दीपक के साथ महानगर में रहकर मजदूरी करता था। कोरोना काल में कोरोना कर्फ्यू के चलते महानगर में काम छिनने के बाद पिता-पुत्र ने गांव वापस लौटने का निर्णय लिया और दो दिन पहले गांव वापस लौटे। परिजनों ने कोरोना की आशंका के चलते घर में प्रवेश नहीं दिया तो पिता-पुत्र ने दो दिन तक गांव के बाहर समय व्यतीत किया। शनिवार को रामकरन की एकाएक हालत बिगड़ गई जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में लाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पिता की मौत कोरोना से होने की आशंका से बेटे ने जिला अस्पताल से शव को छोड़कर भाग गया था

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