मिहिर भोज विवाद: सहारनपुर में गुर्जर-राजपूत समाज में तनातनी, सीमाएं सील, अतुल प्रधान की पुलिस से….

सहारनपुर में सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर और राजपूत समाज में लंबे समय से विवाद चल रहा है। दोनों समाज के लोगों के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। गुर्जर समाज ने आज जिले में धारा 144 और प्रशासन की अनुमति के बिना सम्राट मिहिर भोज को लेकर गुर्जर गौरव यात्रा निकाली। वहीं, पुलिस-प्रशासन बेबस नजर आया। वही, राजपूत समाज ने यात्रा का विरोध कर दिया है। प्रतिबंध के बावजूद गुर्जर समाज द्वारा गौरव यात्रा निकालने के विरोध में राजपूत समाज के लोगों ने भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया।

सहारनपुर प्रशासन द्वारा अनुमति न दिए जाने के बावजूद गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज गौरव यात्रा फंदपुरी से निकाली गई। गुर्जर समाज के सैकड़ों लोग सुबह नकड क्षेत्र के गांव फंदपुरी में एकत्र हुए। वहां से उन्होंने पैदल गौरव यात्रा शुरू की। प्रशासन ने यात्रा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ था। इसके बावजूद लोगों ने यात्रा शुरू की। यात्रा रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने नकुड क्षेत्र में बैरिकेडिंग वगैरह लगाकर सुरक्षा व्यवस्था के प्रबंध किए, लेकिन गुर्जर समाज के लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद यात्रा निकाली गई। वहीं गुर्जर व राजपूत समाज में तनातनी को देखते हुए जिले में BSNL व ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा बंद की गई है।

दोनों समाज के बीच है ये विवाद
गुर्जर समाज के लोगों को मानना है कि सम्राट मिहिर भोज एक गुर्जर सम्राट थे जबकि राजपूत समाज का मानना है कि सम्राट मिहिर भोज एक क्षत्रिय सम्राट थे। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के सदस्य आचार्य विरेंद्र विक्रम ने कहा कि गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज रघुवंशी सम्राट थे और गुर्जर प्रतिहार वंश के सबसे प्रतापी सम्राट थे। 851 ईसवीं मे भारत भ्रमण पर आए अरब यात्री सुलेमान ने उनको गुर्जर राजा और उनके देश को गुर्जर देश कहा। इसी तरह अनेक इतिहासकारों उनके गुर्जर होने का प्रमाण दिया है।

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