हाल ही में, उत्तराखण्ड के मुख्यामंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मदरसों के वेरिफिकेशन और अवैध फंडिंग की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। इस आदेश के तहत, राज्यभर के मदरसों की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं और उनकी गतिविधियां कानून के तहत हैं। इसके साथ ही, मदरसों में अवैध फंडिंग की भी जांच की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई विदेशी या अवैध स्रोतों से धन प्राप्त नहीं किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। राज्य सरकार के अनुसार, यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके और यह पता लगाया जा सके कि किसी भी मदरसे में आतंकी गतिविधियों या गैरकानूनी कामकाज की कोई संभावना तो नहीं है। इसके अलावा, यह भी देखा जाएगा कि मदरसों में बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ अन्य सामान्य शिक्षा भी दी जा रही है या नहीं।
वेरिफिकेशन प्रक्रिया में मदरसों के रजिस्ट्रेशन, उनके वित्तीय लेन-देन और उनके द्वारा प्राप्त फंडिंग का भी बारीकी से आकलन किया जाएगा। यह जांच विभिन्न विभागों, जैसे पुलिस, खुफिया एजेंसियों और शिक्षा विभाग द्वारा मिलकर की जाएगी। अगर किसी मदरसे में अवैध गतिविधियों का पता चलता है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री के इस कदम को शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता लाने और सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई किसी खास धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि शिक्षा संस्थान सही तरीके से काम करें और कानून का पालन करें।