- उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में तब्लीगी जमात के अमीर प्रमुख नसीम अहमद की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
- क्वारंटीन की अवधि पूरा होने के बाद मुकदमा दर्ज होने के चलते पिछले दिनों प्रसाद कॉलेज में बनाई गई अस्थायी जेल में भेज दिया गया था।
- नसीम अहमद सहित अन्य 40 तबलीगीयौं पर राज्य सरकार ने किया 307 जैसा मुकद्दमा दर्ज
- बीती रात 2 बजे जौनपुर तबलीग जमात के अमीर नसीम अहमद को पडा दिल का दौरा,
- एंबुलेंस वक्त पर ना पहुंचने का परिजनों ने लगाया आरोप,
- वहीं SP पूर्व राष्ट्रिय प्रवक्ता अमीक जामेई ने भी लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप,
- प्रशासन को दी कड़ी चेतावनी कहा
- वह इस मामले को लेकर लेंगे गंभीरता से,
- और खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
जौनपुर के तबलीग जमात के अमीर नसीम अहमद कोरोना जाँच में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गयी 14 दिन क्वारांटीन के बाद जब वह घर आये उनके साथ अन्य 40 लोगो पर राज्य सरकार के आदेश पर तब्लीग के नाम पर उनपर 307 जैसे मुक़दमे जड़ दिए गए थे,
प्रशासन के साथ जौनपुर के लोगो ने पूर्णता कोरोना जाँच में सहयोग भी दिया जिससे जौनपुर के निवासियों में कोई कोरोना पोसिटिव केस नहीं आ पाया,
लेकिन कल रात 2 बजे जौनपुर के तबलीग जमात के अमीर नसीम अहमद को जब दिल का दौरा पड़ा तो अस्थायी प्रसाद इंजिनयरिंग कोलेज क्वारांटीन जेल में लोग मेडिकल अम्बुलेंस बुलाते रह गए 40 मिनट बाद जब स्वस्थ विभाग ने सुध ली तब तक वोह इस दुनिया से रुखसत हो गए!
समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रिय प्रवक्ता अमीक जामेई ने परिवार को फोन से बात कर सान्तवना दी, जामेई ने कहा की को’रोना के खिलाफ जौनपुर के निवासियों ने जो जंग सरकार के सहयोग से शूरु की थी शासन ने उसको पूरी तरह मिटटी में मिला दिया है,
उन्होंने कहा की जब शासन को मालूम था की नसीम अहमद दिल के मरीज़ है और PGI के पेशेंट है तो उन्हें लखनऊ रिफर क्यों नहीं किया गया, जब जिले में त’बलीग ज’मात के लोगो ने शासन के साथ मदद की और एक केस भी पोसिटिव जिले का नहीं आया तो तो 307 जैसी गंभीर धाराये लगाने की क्या वजह थी।
जामेई ने कहा की पूरा जिला नसीम अहमद की शराफत और बुज़ुर्गी को जानता है लेकिन जिस तरह से इलाज में भे’दभाव पूर्वग्रह के साथ भेदभाव किया गया,मीडिया ट्राएल कर समाज को शापित किया गया इसे किसी लड़ाई से नही लड़ा जा सकता!
समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रिय प्रवक्ता अमीक जामेई ने राज्य सरकार से कहा की वो दोषियों को चिन्हित कर कार्यवाही करे,कोरोना के खिलाफ जंग में जब पूरा प्रदेश, मुस्लिम तंजीमे सरकार के साथ क़दम क़दम पर खड़ी है ऐसी हालत में किसी भी नागरिक के स्वस्थ के साथ धर्म जाति देख खिलवाड़ करने का हक किसी को नहीं दिया जा सकता!
अमीक़ जामेई ने ज़िला अमीर नसीम अहमद के परिवार से दूरभाष द्वारा संपर्क कर बात करके उन्हें सांत्वना दी है एवं निर्दोष लोगों पर भे’दभाव पूर्वाग्रह के तहत 307 जसे गंभीर मुक़दमो के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटख़टाने की चेतावनी दी है।
पहले से बीमार थे नसीम अहमद
नसीम अहमद के परिवार वालों के मुताबिक उनकी तबीयत लगातार खराब थी और उनका एक आपरेशन लखनऊ में होना था। परिवार वालों के मुताबिक इस संबंध में अधिकारियों को पहले ही अवगत कराया गया था। रमज़ान आने के बाद भी परिवार वालों ने अधिकारियों उनकी तबीयत के बारे में बताया था।
एक सप्ताह पूर्व अचानक तबीयत खराब होने पर उनको जिला अस्पताल लाया गया था, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया था। हालत में सुधार होने पर दोबारा अस्थायी जेल में रख दिया गया था। जबकि घर वालों ने ज़मानत देने की मांग की थी।