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साथ जिए साथ मरे : चार दोस्तों की दर्दनाक मौत ! कश्मीर घूमने के लिए निजी कार से जा रहे…..

सीकर के फतेहपुर शेखावाटी में बुधवार सुबह हादसे में चार दोस्तों की मौत हो गई। चारों जिगरी दोस्त थे। हमेशा साथ रहते थे। भीषण सड़क हादसे के बाद जब चारों के शव निकाले गए तो यहां मौजूद हर कोई रोने लग गया। परिवार में जिसने भी देखा, कहने लगा क्या दोस्ती थी। हादसा इतना खतरनाक था कि चारों के शव एक दूसरे से चिपक गए थे। बहुत मुश्किल से इनको अलग किया गया।

चारों दोस्त जोधपुर के रहने वाले थे और घूमने के लिए कश्मीर जा रहे थे। बुधवार सुबह करीब 5 बजे ट्रेलर और कार के बीच भिड़ंत में इनकी जान चली गई। हादसे में मरने वालों में खांडा फलसा पुलिस थाना के कॉन्स्टेबल रेवतराम चौधरी शामिल हैं।

हादसे के बाद जब दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने चौधरी के परिवार से बात की तो सामने आया कि कॉन्स्टेबल ने घूमने का प्लान बनाया था। बाद में ये प्लान अपने मित्र शाहरुख खान और राजू रियाज खान को बताया तो वो भी साथ चलने को राजी हो गए। चचेरे भाई तेजाराम को इसकी जानकारी लगी तो वह भी साथ हो गया। तेजाराम भी हमेशा तीनों के साथ रहते थे। मंगलवार रात करीब 12 बजे ये घूमने के लिए कार से निकले थे। जोधपुर से निकलते ही रेवतराम ने अपनी पत्नी को कॉल किया था। पत्नी से कहा था, चिंता मत करना, सात दिन बाद वापस घर लौटूंगा।

बुधवार सुबह करीब 6 बजे रेवतराम के बड़े भाई श्रवण को हादसे की सूचना मिली तो मां-बाप को बिना बताए फतेहपुर निकल गए। चारों के घरों में कुछ लोगों को ही हादसे की जानकारी है। उनके मां-बाप और परिवार के दूसरे सदस्यों को इसकी भनक तक नहीं है। इन सभी को ये ही लग रहा है कि चारों दोस्त गर्मियों की छुटि्टयां मनाने गए हैं और अब सात दिन बाद लौटेंगे।

हमेशा अपने चचेरे भाई के साथ रहता था तेजाराम, फेसबुक पर लिखा- चंद पलों की जिंदगी

तेजाराम सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव था। मौत से कुछ देर पहले एक स्टेटस लगाया था। इसमें अपनी फोटो भी थी।

चंद पलों की जिंदगी, क्या तुम्हारा-क्या हमारा।

इसके साथ ही फेसबुक के बायो में लिखा था- जिंदगी ना मिलेगी दोबारा।

तेजाराम का स्टेटस देखकर अब हर कोई कह रहा है कि उसे पहले ही मौत का एहसास हो गया था। क्योंकि वह इस तरह के स्टेटस नहीं लगाता था।

कॉन्स्टेबल रेवतराम और भाई तेजाराम भोपालगढ़ तहसील के बुड़किया गांव के रहने वाले थे। गांव में दोनों के घर आमने-सामने ही हैं। गांव के लोगों ने बताया कि तेजाराम हमेशा रेवतराम के साथ उसके साये की तरह रहता था। दोनों में सगे भाइयों से भी ज्यादा प्रेम था। रेवतराम की जब नौकरी जोधपुर में लगी तो तेजाराम भी उसके साथ जोधपुर आ गया। यहां जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और सरकारी नौकरी के लिए कॉम्पिटिशन की तैयारी करने लगा।

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